22 फरवरी, 2023, पुणे
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), पुणे ने 22-23 फरवरी, 2023 के दौरान भाकृअनुप-एनआरसीजी, पुणे में भाकृअनुप-राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केन्द्र के सहयोग से महाराष्ट्र में केवीके की दो दिवसीय वार्षिक कार्य योजना कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्घाटन आज किया गया।

अपने उद्घाटन संबोधन में, डॉ. वी.एम. मायांडे, पूर्व कुलपति, पीडीकेवी, अकोला ने किसानों की आय बढ़ाने के महत्व तथा विशेष रूप से गैर-कृषि गतिविधियों की ओर विविधीकरण के माध्यम से कृषि आय बढ़ाने के तरीकों के बारे में बताया। उन्होंने प्रतिभागियों से कृषि में सूचना प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन और रोबोटिक्स के अनुप्रयोग, समूह खेती को बढ़ावा देने और किसान उत्पादक संगठनों जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर काम करने का भी आग्रह किया। उन्होंने जमीनी स्तर की समस्याओं को समझने के लिए केवीके की जिम्मेदारी पर भी जोर दिया और भारतीय अर्थव्यवस्था पर कृषि अनुसंधान के प्रभाव पर जोर दिया।
डॉ. डी.बी. देवसरकर, डीईई, वीएनएमकेवी, परभणी ने फसल विविधीकरण के विभिन्न चरणों की जानकारी दी और महाराष्ट्र राज्य के संदर्भ में बाजरा तथा ज्वार के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने राज्य में दलहन और तिलहन की अंतरफसल पद्धति अपनाने का आग्रह किया।
डॉ. कौशिक बनर्जी, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, पुणे ने अपने स्वागत संबोधन में अंगूर के महत्व पर जोर दिया और विभिन्न फसलों में विभिन्न ऐप विकसित करके अधिक कृषि-आधारित तथा अन्य सलाह देने की सुविधा देने का आग्रह किया।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के 50 केवीके के प्रमुख आगामी वर्ष 2023 के लिए अपनी कार्य योजना प्रस्तुत करेंगे।
विशेषज्ञों ने केवीके के लिए एक यथार्थवादी कार्य योजना विकसित करके अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
इस कार्यक्रम में कुल 85 प्रतिभागियों ने शिरकत की।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे)







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