24 सितंबर, 2022, निदान गांव, रोहतक
भाकृअनुप-राष्ट्रीय एकीकृत कीट प्रबंधन केन्द्र, नई दिल्ली की चावल टीम ने आज हरियाणा के रोहतक जिले के निदान गांव में “किसान फील्ड स्कूल सह वैज्ञानिक-किसान संवाद बैठक” का आयोजन किया।

डॉ. सुभाष चंदर, निदेशक, भाकृअनुप-एनसीआईपीएम ने आईपीएम का उपयोग करके जैविक तनाव और उनके प्रबंधन से होने वाले नुकसान को रोककर किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया, जिससे अनुचित रूप से कीटनाशक के अनुप्रयोगों पर खर्च की बचत और उत्पादन की लागत को कम किया जा सके। उन्होंने प्रभावी रूप से कीट के खात्में तथा उच्च फसल उत्पादकता सुनिश्चित करने के लिए समय पर आईपीएम अनुप्रयोगों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने किसानों को सभी प्रकार के तकनीकी मार्गदर्शन तथा गांव में आईपीएम गतिविधि जारी रखने का आश्वासन दिया। डॉ. चंदर ने किसानों को चावल की खेती में हाल ही में उभरी बौनी बीमारी से भी अवगत कराया।
डॉ. अनूप कुमार, प्रधान अन्वेषक, बासमती चावल आईपीएम परियोजना ने आईपीएम सत्यापन कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी, जिसे 25 किसानों की भागीदारी के साथ 300 एकड़ में लागू किया जा रहा है, जिसमें गांव की आधारभूत जानकारी, चावल के कीट परिदृश्य एवं प्रबंधन के लिए अपनाई गई आईपीएम रणनीति तथा अवशेष मुक्त चावल उत्पादन के लिए कीट समस्या पर प्रकाश डाला गया है।
किसानों जैसे, श्री गौरव तथा श्री मैनपाल ने आईपीएम कार्यक्रम के लाभों के बारे में बताया।
किसानों द्वारा उठाए गए विभिन्न प्रश्नों को एनसीआईपीएम टीम द्वारा संबोधित किया गया।
इसके तहत चावल के खेतों का दौरा भी किया गया और दौरे के दौरान बौनेपन की बीमारी का कोई मामला नहीं देखा गया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय एकीकृत कीट प्रबंधन केन्द्र, नई दिल्ली)
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