निक्रा-टीडीसी के अंतर्गत नामसाई में कस्टम हायरिंग सेंटर को उपकरणों का वितरण

निक्रा-टीडीसी के अंतर्गत नामसाई में कस्टम हायरिंग सेंटर को उपकरणों का वितरण

26 अगस्त 2025, नामसाई

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की जलवायु अनुकूल कृषि पर राष्ट्रीय नवाचार परियोजना के अंतर्गत, कृषि विज्ञान केन्द्र, नामसाई ने आज लेकांग ब्लॉक के महादेवपुर, कृष्णपुर गाँव में कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) को कृषि उपकरणों के वितरण हेतु एक कार्यक्रम का आयोजन किया।

निक्रा-प्रौद्योगिकी प्रदर्शन घटक (टीडीसी) का उद्देश्य जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों के रणनीतिक अनुसंधान और प्रदर्शन के माध्यम से भारतीय कृषि की जलवायु परिवर्तनशीलता के प्रति लचीलापन बढ़ाना है। कृष्णपुर में, एक सीएचसी स्थापित किया गया है और इसका प्रबंधन ग्राम जलवायु अनुकूल प्रबंधन समिति (वीसीआरएमसी) द्वारा सामूहिक रूप से किया जा रहा है। अपनी गतिविधियों को और सुदृढ़ करने के लिए, केवीके नामसाई ने सीएचसी को सौर नैनो पंप, मिनी ऑयल कंप्रेसर, कोनो वीडर, पावर स्प्रेयर, वर्मीबेड और शेडनेट प्रदान किए। इन उपकरणों से कठिन परिश्रम कम होने, कृषि दक्षता में सुधार और बदलती जलवायु परिस्थितियों के प्रति लचीलापन विकसित होने की उम्मीद है।

Distribution of Implements to Custom Hiring Center under NICRA–TDC at Namsai

इस अवसर पर बोलते हुए, लेकांग के ईएसी डॉ. तोजुम एटे ने किसानों को वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों को अपनाने तथा अपने ज्ञान को अन्य किसानों के साथ साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने अधिकतम लाभ के लिए वैज्ञानिक पशुधन आवास के महत्व पर भी बल दिया।

श्री कमल रॉय, सहायक महाप्रबंधक, नाबार्ड, नामसाई ने किसानों को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों और जलवायु-अनुकूल कृषि अपनाने के महत्व के बारे में जागरूक किया। उन्होंने किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड, आत्मनिर्भर भारत योजनाओं तथा नाबार्ड की अन्य पहलों सहित संस्थागत वित्तीय सहायता प्रणालियों के बारे में भी जानकारी दी और किसानों से बेहतर परिणामों के लिए वित्तीय सहायता को वैज्ञानिक प्रबंधन के साथ जोड़ने का आग्रह किया।

संवाद सत्र के दौरान, किसानों ने कृषि पद्धतियों और भविष्य की आजीविका संभावनाओं पर प्रश्न पूछे। कार्यक्रम का समापन गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सीएचसी सदस्यों को औपचारिक रूप से उपकरण सौंपने के साथ हुआ।

इस कार्यक्रम में ग्राम प्रधान एवं प्रगतिशील किसानों सहित कुल 60 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र, नामसाई, अरुणाचल प्रदेश)

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