17th अप्रैल, 2016, बांसुर, अलवर, राजस्थान
भारत सरकार के माननीय सूचना व प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने आज बांसुर के गांव होलावास में कृषि विज्ञान केन्द्र (भाकृअनुप-तोरिया व सरसों अनुसंधान निदेशालय, भरतपुर) में प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
अपने उद्घाटन सम्बोधन में कर्नल राठौर ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के किसानों को कहीं अधिक प्रभावी बीमा सहयोग प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि यह योजना देश के किसानों में विश्वास पैदा करेगी और इससे देश में प्रगति आएगी। उन्होंने बताया कि सरकार किसानों के खेतों पर मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधारने के प्रति प्रतिबद्ध है और इसका पता इस बात से चलता है कि मार्च 2016 तक किसानों को एक करोड़ से भी अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड बांटे जा चुके हैं और 2017 तक इनकी संख्या में 9 करोड़ तक वृद्धि की जाएगी। प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की विशेषताओं पर प्रकाश ड़ालते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत किसानों को अपनी फसलों का बीमा कराने पर बहुत कम प्रीमियम देना होगा जो कि खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत, रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत और व्यावसायिक और बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत होगा। प्रीमियम की शेष राशि का खर्च सरकार उठाएगी। उन्होंने प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY), प्रति बूंद – अधिक फसल, नीम लेपित यूरिया और अन्य योजनाओं के बारे में भी बताया।
माननीय मंत्री महोदय ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि संस्थानों और अन्य एजेन्सियों द्वारा लगाये गए स्टॉल का अवलोकन किया और साथ ही वैज्ञानिकों और विकास अधिकारियों से विचार-विमर्श किया।
डॉ. जे.एस. संधू, उप महानिदेशक (फसल विज्ञान) ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की विशेषताओं पर प्रकाश डाला और कम प्रीमियम में इस योजना से मिलने वाले लाभों के बारे में बताया। उन्होंने किसान समुदाय के टिकाऊ विकास के लिए परिवर्तनशील जलवायु के अंतर्गत फसल बीमा के महत्व पर बल दिया।
राजस्थान सरकार के अपर निदेशक, कृषि डॉ. शीतल प्रसाद शर्मा इस समारोह के सम्माननीय अतिथि थे। डॉ. शर्मा ने मिट्टी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए तथा आमदनी बढ़ाने के लिए किसानों से जैविक खेती को बढ़ावा देने की अपील की।
डॉ. धीरज सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-डीआरएमआर, भरतपुर ने कृषि विज्ञान केन्द्र, बांसुर की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश ड़ाला और मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण, मेरा गांव – मेरा गौरव योजना, कौशल उद्यमशीलता विकास कार्यक्रम आदि जैसी विभिन्न प्रसार गतिविधियों के माध्यम से किसानों और कृषिरत महिलाओं के उत्थान में इनकी प्रतिबद्धता के बारे में बताया।
डॉ. एस.के. सिंह, निदेशक, अटारी, जोन-6 तथा गांव होलावास के सरपंच ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।
इस अवसर पर एक किसान गोष्ठी भी आयोजित की गई जिसमें उत्पादन प्रौद्योगिकी, कृषि योजनाओं आदि के साथ-साथ प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के उद्देश्यों, नियम व शर्तों पर चर्चा की गई।
किसान सम्मेलन में मुख्य अतिथि द्वारा तीन तकनीकी बुलेटिन जारी किए गए और बीस प्रगतिशील किसानों को अपने – अपने क्षेत्रों में उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों को अपनाने और विस्तारित करने में किए गए योगदान के लिए सम्मानित किया गया। विभिन्न प्रौद्योगिकियों पर प्रदर्शनी लगाई गई और प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) तथा अन्य प्रौद्योगिकीय पैकेजों पर किसान मित्रवत साहित्य को इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले किसानों में बांटा गया।
इस किसान सम्मेलन में 1800 से भी अधिक किसानों ने भाग लिया जिनमें 700 कृषिरत महिलाएं भी शामिल थीं।
(स्रोत : भाकृअनुप- तोरिया-सरसों अनुसंधान निदेशालय, भरतपुर)
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