6 फरवरी, 2019, जोधपुर
निक्रा (एन. आई. सी. आर. ए.) परियोजना के तहत आंचलिक निगरानी समिति (जोनल मॉनिटरिंग कमिटी) ने 4 से 6 फरवरी - 2019 तक राजस्थान राज्य (भरतपुर, झुंझुनू और कोटा) के तीन कृषि विज्ञान केंद्रों का दौरा किया।
4 फरवरी, 2019 को कमिटी ने कृषि विज्ञान केंद्र, भरतपुर का दौरा किया और बातचीत की। समिति ने निक्रा परियोजना के तहत सितारा और सेहंथी गाँवों में टीडीसी गतिविधियों का निरीक्षण किया। जलवायु प्रतिरोधक तकनीकों को और बेहतर बनाने एवं कृषक समुदाय को लाभान्वित करने के लिए अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों द्वारा कुछ मूल्यवान सुझाव भी प्रदान किए गए।
5 फरवरी, 2019 को आंचलिक निगरानी समिति ने कृषि विज्ञान केंद्र, झुंझुनू द्वारा गोद लिए गए भारू निक्रा गाँव का दौरा किया। समिति ने एनआरएम, फसल, पशुधन और संस्थागत मॉड्यूल के तहत लागू विभिन्न हस्तक्षेपों की निगरानी की। इस दौरान समिति ने अन्य किसानों, महिला किसानों और वीसीआरएमसी सदस्यों के साथ बातचीत की। साथ ही, गाँव में बनाए गए उपकरणों और लॉग बुक का सत्यापन किया। आंचलिक निगरानी समिति ने कृषि विज्ञान केंद्रों के प्रयासों और सहभागी किसानों के सक्रिय भागीदारी की सराहना की।
6 फरवरी, 2019 को समिति ने कृषि विज्ञान केंद्र, कोटा द्वारा गोद लिए गए चोमकोट निक्रा गाँव का दौरा किया तथा एनआरएम, फसल, पशुधन और संस्थागत मॉड्यूल के तहत विभिन्न हस्तक्षेपों के कार्यान्वयन की निगरानी की।
आंचलिक निगरानी समिति में प्रो. एम. सी. वार्ष्णेय (कामधेनु विश्वविद्यालय, गांधीनगर के पूर्व कुलपति); निदेशक विस्तार (डॉ. जे. पी. यादव, डॉ. शुबाश, डॉ. के. एम. गौतम); डॉ. पी. पी. रोहिल्ला, प्रधान वैज्ञानिक और सदस्य सचिव; डॉ. शाकिर अली, प्रधान वैज्ञानिक कृषि अभियांत्रिकी, कोटा और डॉ. जे. वी. एन. एस. प्रसाद, समन्वयक, टीडीसी शामिल थे।
(स्रोत: भाकृअनुप-अटारी, जोन-II, जोधपुर)
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