केवीके, जोन – XI की वार्षिक क्षेत्रीय समीक्षा कार्यशाला का हुआ आयोजन

केवीके, जोन – XI की वार्षिक क्षेत्रीय समीक्षा कार्यशाला का हुआ आयोजन

14 जुलाई, 2020, बेंगलुरु

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श्री कैलाश चौधरी, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने आज भाकृअनुप- कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु द्वारा आयोजित कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप सहित केवीके, जोन-XI  की आभासी वार्षिक क्षेत्रीय समीक्षा कार्यशाला का उद्घाटन किया।

मंत्री ने कृषि विज्ञान केंद्रों, भाकृअनुप-संस्थानों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों से आग्रह किया कि वे किसानों की समस्याओं की लगातार जाँच करें और उनकी समस्याओं के उचित समाधान के सृजन करने में कृषक समुदाय के साथ लगातार जुड़ें रहें। उन्होंने प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन पर कृषक समुदाय से प्रतिक्रिया प्राप्त करने और तुरंत प्रतिक्रिया देने पर जोर दिया। श्री चौधरी ने केवीके को सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में सभी विवरणों से अवगत होने और किसानों को कार्यक्रमों से लाभान्वित होने में मदद करने का सुझाव दिया।

डॉ. त्रिलोचन महापात्र, महानिदेशक (भा.कृ.अनु.प.) एवं सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) ने कई अभिनव गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भाकृअनुप-अटारी, बेंगलुरु और क्षेत्र के केवीके की सराहना की। महानिदेशक ने कृषि विश्वविद्यालयों, भाकृअनुप-संस्थानों और राज्य विकास विभागों के आपसी तालमेल की सराहना की।  

डॉ. अशोक कुमार सिंह, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअनुप ने सभी जिलों में जलवायु अनुकूल गाँवों की अवधारणाओं और मॉडलों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने केवीके से आग्रह किया कि वे कॉमन सर्विस सेंटर्स (जन सेवा केंद्रों) और आँगनबाड़ियों के मौजूदा नेटवर्क (संजाल) का इस्तेमाल कर अपनी पहुँच बढ़ाएँ।

डॉ. आर. चंद्र बाबू, कुलपति, केरल कृषि विश्वविद्यालय, केरल ने केरल में केवीके के प्रदर्शन की सराहना की।

डॉ. एम. बी. चेट्टी, कुलपति, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़ ने कर्नाटक के 6 कृषि विश्वविद्यालयों की ओर से बोलते हुए कर्नाटक में केवीके की मुख्य उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

डॉ. चंद्रे गौड़ा एम. जे., निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, बेंगलुरु ने क्षेत्र में केवीके की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।

डॉ. रणधीर सिंह, अतिरिक्त महानिदेशक, (कृषि विस्तार), भाकृअनुप सहित भाकृअनुप-संस्थानों, केवीके और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी कार्यशाला में भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप- कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थानबेंगलुरु)

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