14 अगस्त, 2020, तापी
कृषि विज्ञान केंद्र, नवसारी कृषि विश्वविद्यालय (एनएयू, तापी, गुजरात ने कृषि विज्ञान केंद्र, एनएयू, सूरत और कृषि महाविद्यालय, एनएयू, वाघई के सहयोग से 'मशरूम की खेती हेतु जागरूकता-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम' पर एक वेबिनार का आयोजन किया।
मुख्य अतिथि डॉ. के. ए. पटेल, विस्तार शिक्षा निदेशक, एनएयू, गुजरात ने जनजातीय किसानों के लिए आय सृजन स्रोत के रूप में मशरूम की खेती के महत्त्व पर प्रकाश डाला।
डॉ. जे. एच. राठौड़, वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख, केवीके, सूरत, गुजरात ने किसानों को अपनी सामाजिक-आर्थिक स्थिति बढ़ाने के लिए मशरूम की खेती के तकनीक को अपनाने का आग्रह किया।
डॉ. जे. जे. पास्तागिया, प्राचार्य, कृषि महाविद्यालय, एनएयू, वाघई ने मशरूम, इसके महत्व, मशरूम की खेती के इतिहास और भारत में उगाई जाने वाली मशरूम की विभिन्न वाणिज्यिक प्रजातियों आदि के बारे में जानकारी दी। डॉ. पास्तागिया ने मशरूम की खेती के लिए दक्षिण गुजरात की अनुकूल जलवायु की अपार संभावनाओं पर बल डाला।
इससे पहले अपने स्वागत संबोधन में डॉ. सी. डी. पंड्या, वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख, केवीके, तापी, गुजरात ने कार्यक्रम के महत्त्व के बारे में जानकारी दी।
वेबिनार में कुल 110 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
(स्रोत: कृषि विज्ञान केंद्र, नवसारी कृषि विश्वविद्यालय, तापी, गुजरात)
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