28 जनवरी, 2021, जोधपुर
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोधपुर, राजस्थान ने 27 से 28 जनवरी, 2021 तक ‘राजस्थान के केवीके के लिए दो दिवसीय आभासीय राज्य-स्तरीय कार्य-योजना (2021) कार्यशाला’ का आयोजन किया।
डॉ. अशोक कुमार सिंह, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअनुप ने बतौर मुख्य अतिथि प्रदर्शन और प्रशिक्षण पर ध्यान देने के साथ-साथ जमीनी स्तर पर व्यावसायीकरण पर भी जोर दिया। डॉ. सिंह ने जोर देकर कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों को मिट्टी, पौधों और पशुपालन क्लीनिकों सहित सभी नैदानिक सुविधाओं के साथ पूर्ण केंद्र के रूप में कार्य करना है। उप महानिदेशक ने केवीके के लिए जन सेवा केंद्र (कॉमन सर्विस सेंटर) के रूप में काम करने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के बारे में भी कहा। उन्होंने केवीके से आग्रह किया कि वे फसल कैफेटेरिया, प्रौद्योगिकी पार्क आदि में किसानों के लिए आईना के रूप में कार्य करें ताकि किसानों को उनके खेतों में इसे स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। डॉ. सिंह ने प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन, जैविक खेती, जल संरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरणीय मुद्दों की स्थिरता के लिए मधुमक्खी पालन सहित प्रौद्योगिकी ऊष्मायन की स्थापना पर जोर दिया।
प्रो. डी. सी. जोशी, कुलपति, कृषि विश्वविद्यालय, कोटा, राजस्थान ने बतौर सम्मानित अतिथि ने किसानों के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए केवीके को जिला स्तर पर उनके लिए एकल विपणन केंद्र (वन स्टॉप शॉप) माना। प्रो जोशी ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सर्वेक्षण शुरू करने तथा प्रौद्योगिकी, कौशल और ज्ञान में मौजूद अंतराल के पर स्थिति रिपोर्ट का दस्तावेजीकरण करने का आग्रह किया।
डॉ. एस. के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जोधपुर, राजस्थान ने केवीके से अभिसरण मोड में काम करने का आग्रह किया। उन्होंने गरीब कल्याण रोजगार अभियान में कोविड-19 महामारी स्थिति के दौरान निभाई गई केवीके की भूमिका पर प्रकाश डाला ताकि स्थान विशिष्ट प्रौद्योगिकियों सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रवासी श्रमिकों को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके। डॉ। सिंह ने राजस्थान में बागवानी आधारित हस्तक्षेपों के साथ विविधीकरण और गहनता के माध्यम से लवणता और क्षारीय मिट्टी पर मुद्दों को हल करने के प्रयासों पर जोर दिया।
राजस्थान के राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के विस्तार शिक्षा के लगभग 6 निदेशकों ने ‘स्वनिर्भरता के लिए उद्यमिता विकास: राजस्थान में अवसर और परिप्रेक्ष्य’ के बारे में भी चर्चा की।
इस अवसर पर राजस्थान के कुल 44 केवीके ने वर्ष 2021 के लिए अपनी कार्य योजना प्रस्तुत की।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, क्षेत्र - II, जोधपुर, राजस्थान)
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