‘उर्वरकों एवं वर्मी-कंपोस्टिंग (कृमि खाद) के संतुलित उपयोग’ पर वेबिनार का हुआ आयोजन

‘उर्वरकों एवं वर्मी-कंपोस्टिंग (कृमि खाद) के संतुलित उपयोग’ पर वेबिनार का हुआ आयोजन

18 जून, 2021, गोवा

कृषि विज्ञान केंद्र, उत्तरी गोवा और भाकृअनुप-केंद्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा ने संयुक्त रूप से आज ‘उर्वरकों एवं वर्मी-कंपोस्टिंग के संतुलित उपयोग’ पर एक वेबिनार का आयोजन किया।

मुख्य अतिथि, श्री श्रीपद नाइक, केंद्रीय राज्य मंत्री, आयुष और रक्षा मंत्रालय ने अपने संबोधन में इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे मृदा स्वास्थ्य और मानव स्वास्थ्य दृढ़ता से परस्पर जुड़े हुए हैं जो कि आयुष के महत्त्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। उन्होंने गोवा की मिट्टी की उर्वरता संबंधी बाधाओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोणों के माध्यम से ठीक करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने किसानों से मृदा परीक्षण करने और मृदा परीक्षण आधारित उर्वरक अनुप्रयोग के माध्यम से उर्वरकों का संतुलित उपयोग सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

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डॉ. परवीन कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-सीसीएआरआई, गोवा ने अपने स्वागत संबोधन में कृषि उत्पादन, उत्पादकता और किसानों की आय में सुधार के लिए रासायनिक उर्वरकों के संतुलित उपयोग के महत्त्व पर जोर दिया। डॉ. कुमार ने मिट्टी की खराब उर्वरता के कारण पोषक तत्त्वों के उर्वरक स्रोतों का उपयोग करने की तरफ ध्यान दिलाया, जिसके परिणामस्वरूप फसल उत्पादकता खराब हो रही है। उन्होंने संस्थान द्वारा विकसित सूचना प्रौद्योगिकी उपकरण - 'उर्वरक कैलकुलेटर गोवा' - की विशेषताओं को भी रेखांकित किया, जो राज्य और आसपास के तटीय क्षेत्र के किसानों के लिए एक समर्पित मोबाइल एप्लिकेशन है, जिससे उर्वरकों के बेहतर और संतुलित उपयोग में सहायता मिलती है।

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कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को उर्वरकों के संतुलित उपयोग और वर्मी कम्पोस्टिंग के बारे में जागरूक करना था।

कार्यक्रम में किसानों, वैज्ञानिकों, केवीके के कर्मचारी-सदस्यों और अन्य हितधारकों सहित लगभग 75 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

यह कार्यक्रम भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 'भारत का अमृत महोत्सव' के एक भाग के रूप में आयोजित किया गया था।

(स्रोत: भाकृअनुप-केंद्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थानगोवा)

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