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भाकृअनुप-अटारी, बेंगलुरू, जोन–XI के केवीके के लिए क्षेत्रीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

भाकृअनुप-अटारी, बेंगलुरू, जोन–XI के केवीके के लिए क्षेत्रीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

30 जुलाई, 2021, बेंगलुरु

डॉ. अशोक कुमार सिंह, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअनुप ने आग्रह किया कि, 'अनुसंधान प्रणाली को प्रौद्योगिकी विकास में तेजी लाने और प्रौद्योगिकी प्रसार में समय अंतराल को कम करने के लिए केवीके प्रणाली का उपयोग करना चाहिए।' डॉ. सिंह आज भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरू, कर्नाटक द्वारा आयोजित 'कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप को मिलाकर भाकृअनुप-अटारी, बेंगलुरू, जोन-XI के केवीके के लिए क्षेत्रीय कार्यशाला' के उद्घाटन अवसर पर संबोधित कर रहे थे। क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन 'समावेशी प्रौद्योगिकियों और अभिनव दृष्टिकोणों के साथ केवीके को मजबूत करके किसानों की आय को दोगुना करना' विषय पर आयोजित किया गया था।

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डॉ. सिंह ने जोर देकर कहा कि अनुसंधान और विस्तार को साथ-साथ व्यावहारिक हो कर चलना चाहिए और केवीके प्रणाली को प्रौद्योगिकी विकास निरंतरता में एक महत्त्वपूर्ण भागीदार के रूप में माना जाना चाहिए। उन्होंने किसानों को व्यापक और समग्र जानकारी प्रदान करने के लिए केवीके में नई विकसित फसलों/प्रौद्योगिकियों, पारंपरिक फसलों एवं पद्धतियों से युक्त फसल और प्रौद्योगिकी कैफेटेरिया की स्थापना के लिए राय दी। उप महानिदेशक ने जोर देकर कहा, 'केवीके को जहाँ भी संभव हो प्रायोजन से अतिरिक्त वित्तीय सहायता के साथ आधुनिक नैदानिक ​​सुविधाओं, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन प्रौद्योगिकियों के लिए प्रयास करना चाहिए।'

इससे पहले अपने स्वागत संबोधन में, डॉ. वी. वेंकटसुब्रमण्यम, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, बेंगलुरु, कर्नाटक ने जोन-XI के केवीके द्वारा की जा रही महत्त्वपूर्ण गतिविधियों को रेखांकित किया। उन्होंने केवीके और किसानों के लाभ के लिए कृषि विश्वविद्यालयों, भाकृअनुप-संस्थानों और राज्य विकास विभागों के साथ तालमेल के महत्त्व पर जोर दिया।

कार्यशाला में भाकृअनुप-संस्थानों के निदेशकों, कृषि विज्ञान केंद्रों के प्रमुखों, वैज्ञानिकों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के अधिकारियों ने भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु, कर्नाटक)

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