पश्चिम बंगाल के सुंदरबन मामलों के मंत्री ने सागर द्वीप पर भाकृअनुप-सीआईएफआरआई के एससीएसपी और टीएसपी कार्यक्रम का किया शुभारंभ

पश्चिम बंगाल के सुंदरबन मामलों के मंत्री ने सागर द्वीप पर भाकृअनुप-सीआईएफआरआई के एससीएसपी और टीएसपी कार्यक्रम का किया शुभारंभ

29 सितम्बर, 2022, सुंदरबन

श्री बंकिम चंद्र हाजरा, सुंदरबन मामलों के मंत्री, पश्चिम बंगाल सरकार ने सागर द्वीप समूह के 400 अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति परिवारों के लिए भाकृअनुप-सीआईएफआरआई द्वारा आयोजित आजीविका सहायता सह जन जलीय कृषि इनपुट वितरण और जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

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उन्होंने सुंदरबन क्षेत्रों में पिछले 5 वर्षों में छोटे और सीमांत मत्स्य पालक किसानों की आजीविका बढ़ाने के लिए भाकृअनुप-सीआईएफआरआई के प्रयासों और चक्रवात के बाद के हस्तक्षेप में संस्थानों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने जोर देकर कहा कि हालांकि सुंदरवन जल संसाधनों में समृद्ध है, लेकिन मत्स्य उत्पादन स्थानीय बाजार की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने किसानों को भाकृअनुप-सीआईएफआरआई के तकनीकी और इनपुट समर्थन से वैज्ञानिक मत्स्य पालन अपनाने की सलाह दी। उन्होंने किसानों को मत्स्य पालन से होने वाली आय से बचत शुरू करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने उल्लेख किया कि सागर द्वीप हमेशा चरम जलवायु घटनाओं का सामना करता है, पिछले 2 वर्षों में, 3 चक्रवात और बाढ़ ने सागर द्वीप के ग्रामीण गरीबों की आजीविका को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि सागर द्वीप के किसानों की आजीविका में सुधार के लिए निदेशक, भाकृअनुप-सिफरी का 400 अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मत्स्य पालक किसानों को समर्थन देने का प्रयास सराहनीय है। उन्होंने 400 मछली किसानों को भाकृअनुप-सीआईएफआरआई केजग्रो फिश फीड (42 टन), फिश फिंगरलिंग (1.80 लाख नग) और अन्य इनपुट वितरित किए।

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श्री निमाई महाराज, सचिव भारत सेवाश्रम संघ, गंगासागर ने मत्स्य पालक किसानों को संबोधित किया और इन तालाबों से अपनी आय बढ़ाने के लिए मत्स्य पालक किसानों को अपने बेकयार्ड में वैज्ञानिक मत्स्य पालन के लिए प्रेरित किया। उन्होंने भाकृअनुप-सीआईएफआरआई की पहल की सराहना करते हुए, उनके समग्र विकास के लिए सीआईएफआरआई द्वारा दिए गए इनपुट और तकनीकी सहायता के उचित उपयोग का सुझाव दिया।

श्री स्वप्न प्रधान, अध्यक्ष, पंचायत समिति, गंगासागर ने सभी सागर द्वीप मत्स्य पालक किसानों की ओर से भाकृअनुप-सीआईएफआरआई को धन्यवाद दिया एवं मत्स्य पालक किसानों को मत्स्य पालन के लिए भाकृअनुप-सीआईएफआरआई के इनपुट और दिशानिर्देशों का उपयोग करके कड़ी मेहनत करने और अपने उत्पादन में सुधार करने की सलाह दी।

डॉ. बी.के. दास ने अपने संबोधन में मत्स्य पालन के लिए वैज्ञानिक दिशा-निर्देशों को अपनाने के लिए मत्स्य पालक किसानों को प्रेरित किया। उन्होंने मत्स्य पालक किसानों को सलाह दी कि वे भविष्य में निवेश के लिए मछली पालन से होने वाली अपनी आय का कुछ हिस्सा बचाएं। इस पहल में संस्थान द्वारा लगभग 25 लाख खर्च किए गए और इस पहल से एक वर्ष के भीतर 1.0 करोड़ की आय होने की परिकल्पना की गई है।

(स्रोत: भाकृअनुप-सीआईएफआरआई)

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