25 सितंबर, 2025, नई दिल्ली
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (उत्तरी दिल्ली) की 12वीं अर्धवार्षिक बैठक आज राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केन्द्र परिसर, नई दिल्ली में राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न केन्द्रीय कार्यालयों, अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
बैठक में हिंदी के प्रचार-प्रसार, राजभाषा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन और राजभाषा कार्य में हुई प्रगति की समीक्षा पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
इस अवसर पर, भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली को हिंदी के प्रचार-प्रसार तथा कार्यान्वयन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। समिति ने वैज्ञानिक, प्रशासनिक तथा विस्तार गतिविधियों में हिंदी को एकीकृत करने के लिए भाकृअनुप-आईएआरआई की निरंतर पहल की सराहना की।

पुरस्कार प्राप्त करते हुए, डॉ. चेरुकमल्ली श्रीनिवास राव, निदेशक, भाकृअनुप-आईएआरआई ने कहा कि हिंदी के प्रयोग में हमारे कर्मचारियों के प्रयास न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत को सुदृढ़ करते हैं, बल्कि दक्षता, पारदर्शिता और पहुंच को भी बढ़ाते हैं। यह सम्मान पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। हमें यह सुनिश्चित करना जारी रखना चाहिए कि विज्ञान, अनुसंधान तथा प्रशासन के हर स्तर पर हिंदी का स्वाभाविक एवं प्रभावी प्रयोग हो।
संस्थान के कर्मचारियों ने इस सम्मान पर गर्व और प्रसन्नता व्यक्त की तथा हिंदी के प्रयोग को और तेज करने का संकल्प लिया। उन्होंने हिंदी में वैज्ञानिक संचार का विस्तार करने, शोध परिणामों एवं नवाचारों को किसानों तथा आम जनता के लिए और अधिक सुलभ बनाने का भी संकल्प लिया।
इस पुरस्कार ने भाकृअनुप-आईएआरआई समुदाय में नई प्रेरणा तथा गौरव का संचार किया है, जिससे न केवल कृषि विज्ञान में बल्कि भारत की राजभाषा को आगे बढ़ाने में भी संस्थान की नेतृत्वकारी भूमिका को बल मिला है। यह इस बात को सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित करता है कि वैज्ञानिक प्रगति का संचार लोगों की भाषा में हो, जिससे देश भर में समावेशिता, सुगमता और नवाचारों की व्यापक संस्कृति को बढ़ावा मिले।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली)
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