टीकों तथा निदान के लिए सीआरपी की वार्षिक समीक्षा बैठक आयोजित

टीकों तथा निदान के लिए सीआरपी की वार्षिक समीक्षा बैठक आयोजित

24-25 जनवरी, 2023, बेंगलुरु

भाकृअनुप-इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, बेंगलुरु कैंपस ने बेंगलुरु में कंसोर्टियम रिसर्च प्लेटफॉर्म ऑन वैक्सीन्स एंड डायग्नोस्टिक्स (सीआरपी ऑन सीएंडडी) की 2021 और 2022 की वार्षिक समीक्षा बैठक का आयोजन (24-25 जनवरी 2023) किया।

डॉ. भूपेंद्र नाथ त्रिपाठी, उप महानिदेशक (पशु विज्ञान) ने अपने उद्घाटन संबोधन में पशुओं, मछलियों तथा कृषि फसलों के स्वास्थ्य प्रबंधन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कृषि अर्थव्यवस्था के लिए उपयोगी नई तकनीकों के निर्माण में वीएंडडी पर सीआरपी के योगदान की सराहना की। उन्होंने अंतिम उपयोगकर्ताओं के लाभ के लिए प्रौद्योगिकियों के व्यवसायीकरण की सुविधा के लिए उद्योग भागीदारों के साथ अनुसंधान सहयोग के महत्व पर बल दिया।

डॉ. अशोक कुमार, सहायक महानिदेशक (पशु स्वास्थ्य) ने इस बात पर जोर दिया कि वी एंड डी के लिए सीआरपी अंतर-क्षेत्रीय जुड़ाव वाला एक अनूठा कार्यक्रम है। उन्होंने वैज्ञानिकों से कार्यक्रम की दृश्यता को प्रदर्शित करने के लिए वी एंड डी के लिए सीआरपी के तहत विकसित प्रौद्योगिकियों का व्यवसायीकरण करने का आग्रह किया।

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डॉ. प्रेम कुमार, सहायक महानिदेशक (समुद्री मात्स्यिकी) ने उपयोगी प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए वैज्ञानिकों की सराहना की।

डॉ. एस.सी. दुबे, सहायक महानिदेशक (पौधे संरक्षण और जैव सुरक्षा) ने खेतों में पौधों के बीज स्वास्थ्य परीक्षण और नैदानिक किटों की संवेदनशीलता तथा सत्यापन में सुधार के लिए प्रयास करने पर जोर दिया।

डॉ. पल्लब चौधरी, संयुक्त निदेशक, आईवीआरआई, बेंगलुरु ने वी एंड डी के लिए सीआरपी के परिसर-सह-परियोजना समन्वयक ने इस कार्यक्रम की प्रगति प्रस्तुत की और उल्लेख किया कि कुल 89 प्रौद्योगिकियां अब तक उत्पन्न की गई हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि चार प्रौद्योगिकियों का व्यवसायीकरण किया गया है, 23 प्रौद्योगिकियों को जारी किया गया है, 22 प्रौद्योगिकियों के सत्यापन प्रक्रिया को पारित कर दिया गया है, और ये जारी किये जाने के लिए तैयार हैं, साथ ही 44 प्रौद्योगिकियां पाइपलाइन में हैं।

डॉ. बी.पी. श्रीनिवास, समन्वयक (पशुधन क्षेत्र); डॉ. आर. सेल्वराजन, निदेशक, भाकृअनुप-एनआरसीबी सह समन्वयक (कृषि क्षेत्र); और डॉ. एम. माकेश, समन्वयक (मत्स्य पालन क्षेत्र) ने अपने-अपने क्षेत्रों में हुई प्रगति के बारे में सदन को जानकारी दी।

डॉ. ए. सान्याल, निदेशक (भाकृअनुप-एनआईएचएसएडी), डॉ. बी.आर. गुलाटी, निदेशक (भाकृअनुप-निवेदी), और डॉ. बी.एम. कृष्णा रेड्डी, प्रधान वैज्ञानिक (सेवानिवृत्त), भाकृअनुप-आईआईएचआर ने भी समीक्षा बैठक में भाग लिया और महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।

फोरम ने समीक्षा अवधि के दौरान चल रहे 20 अनुसंधान परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। साथ ही 29 नई शोध परियोजनाओं पर चर्चा कर उन्हें मंजूरी प्रदान दी।

बैठक के दौरान, चार पशु विज्ञान, चार मत्स्य पालन, और छह कृषि फसल विज्ञान संस्थानों सहित 14 भाकृअनुप अनुसंधान संस्थानों के प्रधान अन्वेषकों/सह-अन्वेषकों ने अपनी भागीदारी दर्ज की और भविष्य की कार्य योजना की प्रगति रिपोर्ट और लक्ष्यों को प्रस्तुत किया।

(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु कैंपस)

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