तटीय कृषि में एआई, आईओटी और एमएल को बढ़ावा देने के लिए भाकृअनुप-सीसीएआरआई ने बिजनेस केन्द्र के साथ समझौता ज्ञापन पर किया हस्ताक्षर

तटीय कृषि में एआई, आईओटी और एमएल को बढ़ावा देने के लिए भाकृअनुप-सीसीएआरआई ने बिजनेस केन्द्र के साथ समझौता ज्ञापन पर किया हस्ताक्षर

3 जुलाई, 2025, गोवा

तटीय कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उन्नत तकनीकों को एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने सेंसर-आधारित आईओटी और मशीन लर्निंग समाधानों में विशेषज्ञता रखने वाले केरल स्थित तकनीकी उद्यम बिजनेस केन्द्र के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है।

इस सहयोग के तहत, बिजनेस केन्द्र और उसके सहयोगियों द्वारा विकसित सेंसर-संचालित निर्णय सहायता उपकरणों का मूल्यांकन, अंशांकन तथा अनुकूलन भाकृअनुप-सीसीएआरआई द्वारा किया जाएगा। इन उपकरणों का उद्देश्य वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करना, क्षेत्रीय कार्यों को स्वचालित करना और तटीय पारिस्थितिकी प्रणालियों की महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करना है, जिससे संसाधन-विवश तटीय क्षेत्रों में कृषि, मत्स्य पालन एवं संबद्ध प्रथाओं को बढ़ावा मिलेगा।

ICAR-CCARI Signs MoU with Business Kendra to Promote AI, IoT and ML in Coastal Agriculture

इस पहल पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. परवीन कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-सीसीएआरआई ने भारतीय कृषि में बदलाव लाने में एआई और स्वचालन के महत्व पर ज़ोर दिया, जो माननीय प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित 2047 तक एआई-सक्षम कृषि में वैश्विक अग्रणी बनने के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप है। इन तकनीकों से उत्पादकता में वृद्धि, श्रम की कमी को दूर करने, संसाधनों का संरक्षण और युवाओं के लिए खेती को और अधिक आकर्षक बनाने की उम्मीद है।

इस रणनीतिक साझेदारी को सुगम बनाने के लिए संस्थान प्रौद्योगिकी प्रबंधन इकाई (आईटीएमयू) को सम्मानित किया गया।

यह साझेदारी भारतीय कृषि के जमीनी स्तर पर डिजिटल परिवर्तन को समाहित करने के एक दूरदर्शी प्रयास का प्रतीक है।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)

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