उर्वरक विक्रेताओं के लिए एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन पर आवासीय प्रमाणपत्र कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न

उर्वरक विक्रेताओं के लिए एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन पर आवासीय प्रमाणपत्र कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न

2-23 सितंबर, 2025, मालदा

भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र (केन्द्रीय उपोष्णकटिबंधीय बागवानी संस्थान), मालदा में 'उर्वरक विक्रेताओं के लिए एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन' पर आवासीय प्रमाणपत्र कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। केवीके, भारतीय उर्वरक संघ - पूर्वी क्षेत्र (एफएआई-ईआर), कोलकाता तथा भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम ने कृषि-इनपुट विक्रेताओं को उन्नत तकनीकी ज्ञान से सशक्त बनाया एवं उन्हें कुशल उर्वरक उपयोग और टिकाऊ मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए सक्षम बनाया, जो लचीली एवं उत्पादक कृषि प्रणालियों के प्रमुख प्रेरक हैं।

Residential Certificate Program on Integrated Nutrient Management for Fertilizer Dealers Concludes Successfully

समापन सत्र में, डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, , भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता, ने फसल उत्पादकता को बनाए रखने में पादप पोषक तत्वों की अपरिहार्य भूमिका पर प्रकाश डाला और उन्हें कृषि की जीवनदायिनी बताया। कृषि-इनपुट डीलरों के महत्व को स्वीकार करते हुए, उन्होंने किसानों को बेहतर सहायता प्रदान करने हेतु उन्हें ठोस तकनीकी ज्ञान से लैस करने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. डे ने आगे कहा कि सरकारी कार्यक्रमों के अनुरूप, यह प्रशिक्षण डीलरों को स्थायी मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन तथा वैज्ञानिक पोषक तत्वों के उपयोग के महत्वपूर्ण सूत्रधार के रूप में स्थापित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था, जिससे लचीली एवं उच्च उपज वाली कृषि प्रणालियों को मज़बूती मिले।

डॉ. टी. दामोदरन, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएसएच, ने रासायनिक आदानों के प्रभावी विकल्प के रूप में जैव-उत्तेजक, जैव-उर्वरक और जैव-नियंत्रण कारकों को व्यापक रूप से अपनाने पर ज़ोर दिया, जो न केवल मृदा स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं बल्कि फसल उत्पादकता को भी बढ़ाते हैं।

Residential Certificate Program on Integrated Nutrient Management for Fertilizer Dealers Concludes Successfully

इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल राज्य सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (बेनफेड) के 30 प्रतिभागियों ने शिरकत की, जो मालदा जिले के चंचल, रतुआ I, रतुआ II, हरिश्चंद्रपुर I और इंग्लिश बाज़ार ब्लॉकों का प्रतिनिधित्व करते थे।

प्रतिभागियों ने व्यावहारिक प्रशिक्षण तथा तकनीकी जानकारी की सराहना की, जो स्थायी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका को मजबूत करेगी। यह पहल पौध पोषक तत्व प्रबंधन के लिए सूचित और विज्ञान-आधारित दृष्टिकोणों द्वारा निर्मित भविष्य के लिए मंच तैयार करती है, साथ ही प्रतिभागियों को बहुमूल्य ज्ञान एवं कौशल को सशक्त बनाती है।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)

×