भाकृअनुप-आईआईएसआर, लखनऊ ने डिजिटल मोड में प्रौद्योगिकियों के तेजी से प्रसार के लिए नामफार्मर्स डॉट कॉम के साथ समझौता ज्ञापन पर किया हस्ताक्षर

भाकृअनुप-आईआईएसआर, लखनऊ ने डिजिटल मोड में प्रौद्योगिकियों के तेजी से प्रसार के लिए नामफार्मर्स डॉट कॉम के साथ समझौता ज्ञापन पर किया हस्ताक्षर

भाकृअनुप-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (आईआईएसआर), लखनऊ ने आज यहां नामफार्मर्स डॉट कॉम के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जिससे आईआईएसआर,लखनऊ द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों का तेजी से प्रचार प्रसार किया जा सके। यह समझौता ज्ञापन भाकृअनुप-आईआईएसआर द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों के त्वरित प्रसार में सहायक होगा।

संबंधित संगठनों की ओर से समझौता ज्ञापन पर, डॉ. ए.डी. पाठक, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएसआर, लखनऊ और श्री आसिफ रियाज, महाप्रबंधक, नामफार्मर्स डॉट कॉम ने हस्ताक्षर किए।

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डॉ. आर.के. सिंह, सहायक महानिदेशक (सीसी), भाकृअनुप इस अवसर पर उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि भाकृअनुप-आईआईएसआर, लखनऊ ने किसान की आय दोगुनी करने के लिए पीपीपी मोड के तहत डीएससीएल शुगर्स के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद आशाजनक परिणाम दिखाए हैं।

डॉ. पाठक ने कहा कि बेहतर गन्ना उत्पादन तकनीक के प्रसार की अपार संभावनाएं हैं क्योंकि संस्थान ने उत्पादन और संरक्षण प्रौद्योगिकियों के साथ कई उन्नत गन्ना किस्मों को विकसित किया है, जिन्हें हितधारकों के बीच तेजी से प्रसार की आवश्यकता है।

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भाकृअनुप-आईआईएसआर, लखनऊ गन्ने के अनुसंधान और विकास में शामिल एक शीर्ष संगठन है, जबकि नामफार्मर्स डॉट कॉम एक मोबाइल आधारित डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो पूरी दुनिया में कृषि हितधारकों को जोड़ता है और डिजिटल मोड में उनकी विभिन्न कृषि सूचनाओं की जरूरतों को पूरा करता है। यह कृषि के लिए समर्पित एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है और किसानों के लिए कृषि उत्पादों को बेहतर कीमतों पर बेचने या खरीदने के लिए एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस भी प्रदान कर रही है।

इस समझौता ज्ञापन के तहत भाकृअनुप-आईआईएसआर, लखनऊ को नामफार्मर्स डॉट कॉम के साथ प्रत्येक गन्ना किसान के पंजीकरण के लिए 2/- रु. आईआईएसआर, लखनऊ द्वारा प्राप्त किया जाएगा। दूसरी तरफ, आईआईएसआर, लखनऊ द्वारा साझा की गई सलाह और तकनीकी जानकारी निजी फर्म नामफार्मर्स डॉट कॉम पर प्रायोजित की जाएगी और इसके द्वारा अर्जित राजस्व का 25% आईआईएसआर, लखनऊ के साथ साझा किया जाएगा।

डॉ. ए.के. साह, प्रधान वैज्ञानिक और कार्यक्रम के नोडल अधिकारी ने टिप्पणी की कि यह समझौता ज्ञापन किसानों की आय बढ़ाने के लिए गन्ने के उत्पादन, संरक्षण और प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों के साथ पूरे देश में गन्ना उत्पादकों के बड़े हिस्से तक पहुँचने का एक सुलभ और सटीक मार्ग को प्रशस्त करेगा।

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