19 जुलाई, 2022, इंदौर
भाकृअनुप-भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर, मध्य प्रदेश ने राष्ट्रीय कृषि-खाद्य जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (एनएबीआई) और अभिनव और अनुप्रयुक्त जैव-प्रसंस्करण केंद्र (सीआईएबी), मोहाली, पंजाब जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के साथ आज एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, इससे संबंधित संस्थान पारस्परिक रूप से लाभान्वित होंगे।

संबंधित संस्थानों के निदेशकों ने अपने संगठनों की ओर से समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।

परिकल्पित सहयोग के मुख्य क्षेत्र निम्नलिखित हैं:
- सोयाबीन सुधार के लिए क्रिस्पर कैस (CRISPER Cas) जीनोम एडिटिंग टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भाकृअनुप-आईआईएसआर वैज्ञानिकों का प्रशिक्षण।
- जैव-उर्वरक योगों में रोगाणुओं का पता लगाने और मात्रा का ठहराव के लिए सेंसर आधारित प्रौद्योगिकी का विकास।
- हाइड्रोजेल में बैक्टीरिया का एनकैप्सूलेशन और सेंसर-आधारित प्रौद्योगिकी का उपयोग करके इसकी प्रभावकारिता और स्थिरता के लक्षण का वर्णन।
- सोयाबीन उत्पादन के लिए जैव-उत्प्रेरक के रूप में ट्राईकॉन्टानोल का अलगाव और लक्षण वर्णन।
- हाल ही में जारी सोयाबीन की किस्मों में कुनिट्ज़ ट्रिप्सिन अवरोधक का अनुमान।
- सोयाबीन खाद्य उत्पादों की इसकी शेल्फ-लाइफ और भंडारण क्षमता के लिए विशेषता।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर, मध्य प्रदेश)







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