25-26 सितंबर, 2025, सिक्किम
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन VI, गुवाहाटी ने केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय (सीएयू), इम्फाल के सहयोग से 25-26 सितंबर को सिक्किम में वार्षिक क्षेत्रीय कार्यशाला 2025 का आयोजन किया। दो दिवसीय कार्यशाला में असम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा की गई, साथ ही क्षेत्र के लिए उपयुक्त तकनीकों की सिफारिश करने हेतु ऑन-फार्म ट्रायल (ओएफटी) और फ्रंट लाइन डेमोस्ट्रेशन (एफएलडी) की समीक्षा भी की गई।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन सिक्किम के राज्यपाल श्री ओम प्रकाश माथुर ने किया, जिन्होंने फसलों, विशेष रूप से बड़ी इलायची में मूल्य संवर्धन के महत्व पर जोर दिया और राज्य में अतिरिक्त कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र में कृषि को बदलने में ड्रोन तकनीक की क्षमता पर भी प्रकाश डाला।
वर्चुअल माध्यम से शामिल होते हुए, श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, ने प्राकृतिक तथा जैविक खेती पर विशेष ध्यान देते हुए, पूर्वोत्तर में कृषि के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस क्षेत्र में कृषि परिवर्तन हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को दोहराया।
श्री भागीरथ चौधरी, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, ने आय एवं आजीविका सृजन में कृषि की भूमिका पर ज़ोर दिया तथा पूर्वोत्तर में समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को मजबूत बनाने का आह्वान किया।
अपने स्वागत संबोधन में, डॉ. अनुपम मिश्रा, कुलपति, सीएयू, इम्फाल ने क्षेत्र के कृषि परिदृश्य का अवलोकन प्रस्तुत किया।
डॉ. मांगी लाल जाट, सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप), डॉ. राजबीर सिंह, उप महानिदेशक, भाकृअनुप ने भी वर्चुअल माध्यम से सभा को संबोधित किया।
डॉ. जी. कादिरवेल, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जोन VI ने कार्यशाला के उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि भाकृअनुप द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों और पूर्वोत्तर के लिए अनुकूलित फसल किस्मों का प्रसार ओएफटी और एफएलडी के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने प्रभावी प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और किसान क्षमता निर्माण के लिए साझेदार संस्थानों के साथ सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर बल दिया।
कार्यशाला ने ज्ञान के आदान-प्रदान, नवाचार तथा प्रौद्योगिकी प्रसार के लिए एक मंच प्रदान किया जिसका उद्देश्य स्थायी प्रथाओं के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाना था। एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न भाकृअनुप संस्थानों के नवाचारों, अनुसंधान परिणामों और प्रमुख उत्पादों को प्रदर्शित किया गया।
प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों ने कृषि, बागवानी, क्षेत्रीय फसलें, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, पशुधन तथा मत्स्य पालन, कृषि मशीनरी एवं द्वितीयक कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी प्रस्तुतियाँ और राज्य-विशिष्ट सिफारिशें दीं।
विशिष्ट प्रतिभागियों में श्री पूरन कुमार गुरुंग, कृषि मंत्री, सिक्किम सरकार; श्री बी.एस. पंथ, विधायक, टेमी नाफिंग; डॉ. मनोरंजन नियोग, डीईई, एएयू; डॉ. एच.सी. भट्टाचार्य, पूर्व डीईई, एएयू; भाकृअनुप संस्थानों के निदेशक; श्री टी.डी. नेकम, निदेशक, कृषि, अरुणाचल प्रदेश; सिक्किम के संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी; केवीके प्रमुख; और भाकृअनुप-अटारी, जोन VI के वैज्ञानिक एवं अधिकारी शामिल हुए।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-VI, गुवाहाटी)
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