भाकृअनुप-डीएमएपीआर का स्थापना दिवस

भाकृअनुप-डीएमएपीआर का स्थापना दिवस

24 नवंबर, 2022, आणंद

भाकृअनुप-औषधीय एवं सुगंधीय पादप अनुसंधान निदेशालय, आणंद का 31वां स्थापना दिवस आज हाइब्रिड मोड में मनाया गया।

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मुख्य अतिथि, डॉ. विक्रमादित्य पांडे, सहायक महानिदेशक (एचएस-I) ने अपने संबोधन में स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था और रोजगार के लिए जैविक खेती और हर्बल दवा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत जैविक/प्राकृतिक खेती और आयुर्वेद को दुनिया में बढ़ावा देकर विश्व गुरु बन सकता है। उन्होंने आग्रह किया कि किसानों और उद्योगों को लाभ सुनिश्चित करने के लिए निदेशालय के शोध परिणामों का हितधारकों को हस्तांतरित किया जाना चाहिए। डॉ. पांडे ने उल्लेख किया कि उद्योगों से प्राप्त कॉर्पस फंड गतिविधियों को मिशन मोड में पूरा करने के लिए बहुत उपयोगी होगा।

सम्मानित अतिथि, श्री परिमल देसाई, संस्थापक एवं निदेशक, के. पटेल फाइटो एक्सट्रैक्शन प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई ने कहा कि हर्बल क्षेत्र के लिए गुणवत्तापूर्ण कच्ची दवाएं सुनिश्चित करने के लिए किसानों और उद्योगों के बीच सामंजस्य की आवश्यकता है। उन्होंने हर्बल क्षेत्र में हाल के विभिन्न रुझानों पर किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने का आग्रह किया और प्रतिस्पर्धी मूल्य पर उद्योग को कच्चे माल की आपूर्ति पर भी प्रकाश डाला।

डॉ. सत्यांशु कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-डीएमएपीआर ने संस्थान की हाल की महत्वपूर्ण उपलब्धियों और गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।

इस अवसर पर निदेशालय द्वारा "औषधीय और सुगंधित पौधों के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य के संदर्भ में अनुसंधान गतिविधियों को पुनरभिविन्यास" विषय पर आधारित औद्योगिक बैठक भी आयोजित की गई थी।

(स्रोत: भाकृअनुप-औषधीय एवं सुगंधित पादप अनुसंधान निदेशालय, आणंद)

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