भाकृअनुप-एनआईएएनपी ने मवेशी दूध वसा को फिर से डिजाइन करने के लिए फाइटो-सप्लीमेंट 'ओएमईबी' के दूसरे व्यवसायीकरण पर किए हस्ताक्षर

भाकृअनुप-एनआईएएनपी ने मवेशी दूध वसा को फिर से डिजाइन करने के लिए फाइटो-सप्लीमेंट 'ओएमईबी' के दूसरे व्यवसायीकरण पर किए हस्ताक्षर

29 दिसंबर 2022, बेंगलुरु

भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु पोषण एवं शरीर क्रिया विज्ञान संस्थान (एनआईएएनपी), बेंगलुरु ने आज एग्री इनोवेट इंडिया के माध्यम से नॉन-एक्सक्लूसिव आधार पर मैसर्स यूनिक ऑर्गेनिक इनपुट्स, बारडोली, गुजरात को 'ओएमईबी' तकनीक का लाइसेंस दिया।

डॉ. राघवेंद्र भट्ट, निदेशक, भाकृअनुप-एनआईएएनपी, बेंगलुरु, और श्री देवेंद्र मलिक तथा श्री सुजीत निर्वाल, निदेशक, मेसर्स यूनिक ऑर्गेनिक इनपुट्स ने अपने संबंधित संगठनों की ओर से समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए।

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डॉ. जगमोहन शर्मा, आईएफएस और महानिदेशक, पर्यावरण प्रबंधन और नीति अनुसंधान संस्थान, कर्नाटक सरकार और डॉ. सुरेश एस. होनाप्पागोल, पूर्व पशुपालन आयुक्त, भारत सरकार इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान यहां मौजूद थे।

श्री देवेंद्र मलिक ने कहा कि क्षेत्र में अद्वितीय जैविक आदानों के माध्यम से ओएमईबी को अपनाने से दुग्ध वसा मॉडुलन के माध्यम से अधिक आय प्राप्त करने के साथ-साथ डेयरी किसानों को और अधिक मदद मिलेगी।

इस प्रकार, व्यापक अनुसंधान के माध्यम से एनआईएएनपी द्वारा ओएमईबी तकनीक विकसित की गई थी और डेयरी पशुओं में क्षेत्र अध्ययन के माध्यम से दूध वसा मॉडुलन के लिए मान्य किया गया था। ओएमईबी मोनो और पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है। यह उत्पाद दूध के संयुग्मित लिनोलिक एसिड तथा ओमेगा फैटी एसिड सामग्री में भी सुधार करता है।

संस्थान ने प्रौद्योगिकी के लिए एक पेटेंट (संख्या 202211040737) दायर किया और इसके पहले मैसर्स गौ एग्रीटेक (पी) लिमिटेड, बेंगलुरु के साथ व्यवसायीकरण किया।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु पोषण एवं शरीर क्रिया विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु)

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