12 से 16 फरवरी, 2024, हिसार
भाकृअनुप-राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, हिसार ने 12 से 16 फरवरी, 2024 तक प्राथमिकता वाले जूनोटिक रोगों की निगरानी और निदान हेतु एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण नामक 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया। इस पहल का उद्देश्य जूनोटिक रोगों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए चिकित्सकों, पशु चिकित्सकों एवं वन अधिकारियों के बीच सहयोग को बढ़ाना है। यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित, जूनोटिक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय एक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है।

मुख्य अतिथि, श्रीमती गीता भारती, आईएएस, आयुक्त, हिसार संभाग, ने जूनोटिक रोगों के मूल कारणों का समाधान करने में प्रतिभागियों के सक्रिय प्रयासों की सराहना की।
डॉ. टीके भट्टाचार्य, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, ने जूनोटिक रोगों के क्षेत्र में अनुसंधान को आगे बढ़ाने तथा चुनौतियों का समाधान करने में भाकृअनुप-एनआरसीई की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने तैयारी और प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करने में इसके महत्व पर प्रकाश डाला।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हरियाणा और पंजाब से कुल 33 प्रतिभागियों ने नामांकन कराया है, जिनमें से 19 पंजाब से और 14 हरियाणा से हैं।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, हिसार)







फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें