भाकृअनुप-एनबीएजीआर, करनाल ने नस्ल संरक्षण पुरस्कार – 2022 का किया वितरण

भाकृअनुप-एनबीएजीआर, करनाल ने नस्ल संरक्षण पुरस्कार – 2022 का किया वितरण

23 दिसम्बर, 2022, करनाल

भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, करनाल ने "किसान दिवस" पर "नस्ल संरक्षण पुरस्कार -2022" का आयोजन किया और देश भर में स्वदेशी पशु नस्लों के संरक्षण के लिए विभिन्न पशुपालकों तथा संगठनों को सम्मानित किया।

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मुख्य अतिथि, डॉ. ए.के. श्रीवास्तव, कुलपति, पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, मथुरा ने कहा कि देशी पशुधन की नस्लें देश की धरोहर हैं और हितधारकों द्वारा उनके संरक्षण की आजकल खूब सराहना हो रही है।

डॉ. बी.एन. त्रिपाठी, उप महानिदेशक (पशु विज्ञान) ने समारोह की अध्यक्षता की और देश भर में देशी नस्लों के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार को कार्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर दिया।

डॉ. बी.पी. मिश्रा, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएजीआर ने कहा कि ब्यूरो विभिन्न तरीकों से स्वदेशी पशुधन की जैव विविधता के संरक्षण के लिए प्रयासरत है और 2017 से नस्ल संरक्षण के लिए हितधारकों को सम्मानित कर रहा है।

डॉ. धीर सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान ने इस अवसर पर नस्ल संरक्षण पुरस्कारों के विजेताओं को बधाई दी।

देश भर में व्यक्तिगत और संस्थागत श्रेणियों के तहत पुरस्कार के लिए कुल 85 आवेदन प्राप्त हुए थे।

हाइब्रिड मोड में आयोजित कार्यक्रम में लगभग 200 प्रतिभागियों तथा प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, करनाल)

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