21 नवंबर, 2022, लखनऊ
भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएफजीआर), लखनऊ ने आज यहां मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश के सहयोग से विश्व मत्स्य दिवस मनाया। संस्थान अपनी अत्याधुनिक तकनीकों और विभिन्न हितधारकों के साथ साझेदारी के माध्यम से भविष्य के लिए मछली आनुवंशिक संसाधनों के सतत मूल्यांकन और संरक्षण के लिए मछली के आनुवंशिक संसाधनों की सूची और वर्गीकरण के लिए प्रतिबद्ध है।

डॉ. संजय निषाद, मत्स्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने तकनीकी हस्तक्षेप और वैज्ञानिक मार्गदर्शन के माध्यम से उत्तर प्रदेश में मत्स्य पालन के महत्वपूर्ण विकास का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश, विभिन्न योजनाओं द्वारा गरीब किसानों और ग्रामीण महिलाओं को मत्स्य पालन क्षेत्र में शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। डॉ. निषाद ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गई नई पहलों और उपायों के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर, डॉ. राजेश दुबे, अतिरिक्त मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश की सरकार ने भी अपने विचार रखे।
डॉ. यू.के. सरकार, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर ने संस्थान की अनुसंधान गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी, जिसका
उद्देश्य मछुआरों और मत्स्य पालक समुदायों को लाभ पहुंचाना है।
श्री प्रशांत शर्मा, निदेशक मत्स्य तथा राज्य मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों के 79 जिलों के 650 से अधिक मत्स्य किसानों/मछुआरों/उद्यमियों ने भाग लिया।
भाकृअनुप-एनबीएफजीआर, लखनऊ के वैज्ञानिकों द्वारा तकनीकी व्याख्यान के अलावा किसानों के लिए मछली बीज और प्रजनन किट का वितरण, प्रदर्शन तथा भाकृअनुप-एनबीएफजीआर, लखनऊ के गंगा एक्वेरियम, फार्म और प्रयोगशाला सुविधाओं का दौरा भी आयोजित कराया गया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ)







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