15 अक्टूबर, 2022, भुवनेश्वर
कृषि में कृषि महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान और भागीदारी को चिह्नित करने के लिए आज यहां भाकृअनुप-केन्द्रीय कृषि महिला संस्थान, भुवनेश्वर में राष्ट्रीय महिला किसान दिवस मनाया गया। इस वर्ष कुपोषण को कम करने और पोषण सुरक्षा बढ़ाने में कृषि महिलाओं की भूमिका को प्राथमिकता देने पर ध्यान केन्द्रित किया गया था।

मुख्य अतिथि, श्री कैलाश चौधरी, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कृषि में उनके अपार योगदान के लिए देश भर में कृषि महिलाओं की सराहना की और उन्हें प्रेरित किया और कृषि महिलाओं की क्षमता को बढ़ाने के लिए लैंगिक समानता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पोषण वृद्धि महत्वपूर्ण है और ग्रामीण परिवारों के समग्र विकास के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण के साथ इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने महिला किसानों को मुख्यधारा में लाने के लिए अन्य भाकृअनुप संस्थानों के साथ सहयोगात्मक शोध कार्य पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि, भाकृअनुप-सीआईडब्ल्यूए को एक मॉडल विकसित करना चाहिए जिसे महिला सशक्तिकरण के लिए विश्व स्तर पर स्वीकार किया जाएगा।
डॉ. भूपेंद्र नाथ त्रिपाठी, उप महानिदेशक (पशु विज्ञान) ने पशुपालन क्षेत्र में कृषि महिलाओं के योगदान की सराहना की और इस क्षेत्र में उद्यमिता के दायरे पर भी प्रकाश डाला।
डॉ. जे.के. जेना, उप महानिदेशक (मत्स्य विज्ञान) ने महिला किसानों द्वारा लाभदायक मछली पालन के लिए गांव के तालाबों के दायरे और उपयोग के बारे में जानकारी दी।
डॉ. आर.सी. अग्रवाल, उप महानिदेशक (कृषि शिक्षा) ने पोषण अभियान के माध्यम से पोषक स्मार्ट गांवों में भाकृअनुप-सीआईडब्ल्यूए द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय महिला किसान दिवस और गतिविधियों के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कृषक महिलाओं से न्यूट्री-स्मार्ट गांवों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आग्रह किया।
इससे पूर्व, डॉ. अनिल कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईडब्ल्यूए ने स्वागत संबोधन दिया।
टिकाऊ कृषि तकनीकों, फसल की किस्मों और कृषि प्रबंधन पर एक किसान-वैज्ञानिक इंटरफेस का भी आयोजन किया गया।
पोषक तत्वों से भरपूर फसल की किस्मों और खाद्य पदार्थों को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। न्यूट्री-स्मार्ट गांवों की महिला किसानों ने अपने पोषण संबंधी पारंपरिक खाद्य पदार्थों का प्रदर्शन किया।
संस्थान की 300 से अधिक कृषि महिलाओं ने गांवों को गोद लिया और पूरे भारत में लगभग 500 से अधिक महिला किसान डिजिटल मोड के माध्यम से उत्सव में शामिल हुईं। इस कार्यक्रम ने कई कृषि महिलाओं को अपनी उपलब्धियों और अनुभवों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया।
कार्यक्रम के दौरान प्रगतिशील महिला किसानों को कृषि और संबद्ध क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित भी किया गया।
डॉ. लिपि दास, प्रधान वैज्ञानिक, भाकृअनुप-सीआईडब्ल्यूए और कार्यक्रम के संयोजक ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय कृषि महिला संस्थान, भुवनेश्वर)







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