10 जुलाई, 2025, चेन्नई
भाकृअनुप-केन्द्रीय खारा जलकृषि संस्थान, चेन्नई ने आज तमिलनाडु के चेंगलपट्टू जिले के कोट्टईकाडु और कोलाथुर गाँवों के लगभग 60 मत्स्य कृषकों की भागीदारी के साथ राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस 2025 का आयोजन किया।
भाकृअनुप-सीबा के वैज्ञानिकों ने इस दिवस के महत्व पर प्रकाश डालने के लिए किसानों और मछुआरों के साथ बातचीत की और विभिन्न खारा जलकृषि तकनीकों, जैसे सीबास नर्सरी पालन, पिंजरा पालन, सजावटी मछली पालन, एकीकृत मछली और समुद्री शैवाल प्रणालियाँ, जल गुणवत्ता प्रबंधन तथा एकीकृत बहु-पोषी जलीय कृषि (आईएमटीए) पर जानकारी साझा की।

स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों ने एससीएसपी योजना के तहत सीबास केज पालन तथा नर्सरी पालन में अपनी सफलता की कहानियाँ साझा कीं और डॉ. कुलदीप कुमार लाल, निदेशक, भाकृअनुप-सीबा और परियोजना टीम के निरंतर सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
पश्चिम बंगाल के काकद्वीप अनुसंधान केन्द्र ने भी 75 मत्स्य कृषकों के साथ इस अवसर को मनाया, जिसमें सिब्रमपुर ग्राम पंचायत के सदस्य श्री माधव चंद्र लाया भी शामिल हुआ। किसानों को कम लवणता वाले कार्प पालन के लिए प्लैंकटनप्लस तकनीक से परिचित कराया गया और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए पर्ल स्पॉट के बीज वितरित किया गया। लाभार्थियों ने केआरसी तकनीकों को अपनाने के अपने अनुभव साझा किए, जिससे उनकी आय और आजीविका में वृद्धि हुई है।
नवसारी गुजरात अनुसंधान केन्द्र ने 51 मत्स्य कृषकों के साथ इस दिवस को मनाया, जिसमें अनुसंधान एवं विस्तार गतिविधियों के बारे में जागरूकता पर ध्यान केन्द्रित किया गया। प्रतिभागियों को व्यापक समारोहों से जोड़ने के लिए भाकृअनुप-सीफा, भुवनेश्वर द्वारा राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम का एक लाइव स्ट्रीम भी आयोजित किया गया था।
विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित इस कार्यक्रम ने खारे जल मत्स्य पालन में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, क्षमता निर्माण एवं सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से मत्स्य कृषकों को सशक्त बनाने के लिए भाकृअनुप-सीबा के निरंतर प्रयासों को प्रदर्शित किया है।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय खारा जल मत्स्य पालन संस्थान, चेन्नई)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें