"द्वीप और तटीय क्षेत्र में उभरती चुनौतियों और अवसरों के लिए भूमि उपयोग तथा सामंजस्य" पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

"द्वीप और तटीय क्षेत्र में उभरती चुनौतियों और अवसरों के लिए भूमि उपयोग तथा सामंजस्य" पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

12 अक्टूबर, 2022, पोर्ट ब्लेयर

अंडमान साइंस एसोसिएशन (एएसए), भाकृअनुप-केन्द्रीय द्वीपीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पोर्ट ब्लेयर और भारतीय किसान संघ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित "द्वीप और तटीय क्षेत्र में उभरती चुनौतियों और अवसरों के लिए भूमि उपयोग का सामंजस्य" पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन आज भाकृअनुप-सीआईएआरआई, पोर्ट ब्लेयर में किया गया।

  

 

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मुख्य अतिथि, डॉ. ए.के. सिंह, उप महानिदेशक (बागवानी विज्ञान), भाकृअनुप, नई दिल्ली ने भाकृअनुप-सीआईएआरआई, पोर्ट ब्लेयर तथा इससे संबद्ध संस्थाओं द्वारा आयोजित संगोष्ठी के बारे में बताया जो प्रकृति के पांच सबसे महत्वपूर्ण घटकों (वायु, जल, अग्नि, पृथ्वी और अंतरिक्ष) यानी पंचमहाभूत पर आधारित था। उन्होंने बागवानी फसलों में गुणवत्तापूर्ण बीज और पौधे की उपलब्धता के संबंध में बागवानी विज्ञान प्रभाग के अंतर्गत मुख्य भूमि में विभिन्न भाकृअनुप संस्थानों से सभी वैज्ञानिक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।

डॉ. सुरेश कुमार चौधरी, उप महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन) ने "द्वीप और तटीय क्षेत्र में सतत भूमि उपयोग के लिए वर्तमान और उभरती चुनौतियों" पर मुख्य संबोधन दिया।

विशिष्ट अतिथि, डॉ. एन.सी. गौतम, पूर्व कुलपति, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय और अध्यक्ष आरएसी, भाकृअनुप-सीआईएआरआई ने महत्वपूर्ण तत्वों के बारे में बात की और जनता के बीच जागरूकता कार्यक्रम करने की आवश्यकता पर बल दिया।

श्री. दिनेश कुलकर्णी, सचिव, भारतीय किसान संघ ने पंचमहाभूत में मूल्यवर्धन पर बात की जिसमें द्वीप पारिस्थितिकी तंत्र का प्रतिनिधित्व किया जाएगा और द्वीप और तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के लाभ के लिए सिफारिशें की जाएगी तथा आगे बढ़ाई जाएगी।

श्री. एच. मनोज, महाप्रबंधक, क्षेत्रीय कार्यालय नाबार्ड, पोर्ट ब्लेयर और स्वामी सुधनन्द, चिन्मय मिशन ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।

श्रीमती भानुमति और श्री. रंगचांग तथा कालीकट गांवों के पचमुथु प्रगतिशील किसानों ने एकीकृत कृषि प्रणाली और जल संसाधन विकास पर अपने अनुभव साझा किए।

गणमान्य व्यक्तियों ने हितधारकों के लाभ के लिए प्रकाशन भी जारी किए।

इससे पूर्व, डॉ. एकनाथ बी. चाकुरकर निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएआरआई और अध्यक्ष, अंडमान विज्ञान संघ ने अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम के माध्यम से सभी तकनीकी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने एएनआई और मिनिकॉय, लक्षद्वीप के विभिन्न जिलों से भाग लेने वाले प्रगतिशील किसानों की अवधारणा को समझने और कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में तकनीकी उपयोग के माध्यम से आजीविका बढ़ा कर इसे अपनाने के लिए जबरदस्त प्रतिक्रिया द्वारा इस जानकारी को आगे बढ़ाया।

इस आयोजन में वैज्ञानिक, टेक्नोक्रेट, चेंज एजेंट सहित 150 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, जिसमें द्वीप और मुख्य भूमि के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रगतिशील किसान भी शामिल हैं।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय द्वीपीय कृषि अनुसंधान संस्थान (सीआईएआरआई), पोर्ट ब्लेयर)

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