12 जुलाई, 2025, मालदा
भारत के बागवानी निर्यात को उल्लेखनीय रूप से बढ़ावा देते हुए, भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, कृषि विज्ञान केन्द्र, मालदा, भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता के अंतर्गत, फजली, अश्विन और अराजनमा किस्मों सहित 4 टन प्रीमियम मालदा आमों का संयुक्त अरब अमीरात को सफल निर्यात सुनिश्चित किया गया। भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ में स्थापित एक स्टार्टअप श्रुति फूड प्रोडक्ट्स द्वारा कोलकाता हवाई अड्डे के माध्यम से भेजी गई यह खेप क्षेत्र के किसानों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
यह उपलब्धि भाकृअनुप-सीआईएसएच केवीके, मालदा द्वारा भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता के समन्वय से लक्षित क्लस्टर विकास और उत्तम कृषि पद्धतियों (जीएपी) को बढ़ावा देने से प्राप्त हुई है। विशेष रूप से गठित बाग़ान क्लस्टरों के किसानों को अवशेष-मुक्त उत्पादन, कटाई-पश्चात प्रबंधन एवं निर्यात-गुणवत्ता अनुपालन का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।

कृषि विज्ञान केन्द्र के विशेषज्ञों से मिल रहे निरंतर समर्थन तथा एपीडा, निर्यातकों और स्थानीय पदाधिकारियों के साथ रणनीतिक सहयोग से निर्यात मूल्य श्रृंखला मजबूत हुई।
डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे किसान-केन्द्रित, स्टार्ट-अप-संचालित निर्यात परिवर्तन का एक अग्रणी उदाहरण बताया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि न्यूनतम रासायनिक इनपुट और पूर्ण ट्रेसेबिलिटी के साथ उगाए गए आम अब यूएई के प्रीमियम खुदरा बाजारों में प्रवेश कर चुके हैं, जिससे गुणवत्ता और आय सृजन के नए मानक स्थापित हो रहे हैं।
यह निर्यात सफलता निरंतर क्षमता निर्माण, कटाई-पश्चात प्रशिक्षण, क्रेता-विक्रेता बैठकों और निरंतर क्षेत्रीय सहभागिता का परिणाम है। यह मॉडल भारत के कृषि-निर्यात परिदृश्य को बढ़ावा देने के लिए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), स्टार्टअप्स और प्रौद्योगिकी को एकीकृत करते हुए एक मापनीय, जमीनी स्तर पर संचालित दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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