सीआईएफई-अर्गनी के प्रौद्योगिकी का व्यवसायीकरण संपन्न

सीआईएफई-अर्गनी के प्रौद्योगिकी का व्यवसायीकरण संपन्न

09 दिसंबर, 2022, मुंबई

भाकृअनुप-केन्द्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान, मुंबई ने गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड, विक्रोली, मुंबई को आज सीआईएफई-अर्गुनिल (मछली में परजीवियों के उपचार और मछली में विकास बहाली के लिए आइवरमेक्टिन आधारित मेडिकेटेड फीड मिक्स, 28 जनवरी, 2022 को पेटेंट संख्या IN330484) तकनीक हस्तांतरित की। गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड मीठे पानी की मछलियों के लिए व्यावसायिक पैमाने पर फीड प्रीमिक्स एवं फीड विकसित करेगी। इस प्रौद्योगिकी को गैर-अनन्य मोड पर स्थानांतरित किया गया। इस प्रकार, मीठे पानी की मछली के लिए यह भाकृअनुप संस्थान द्वारा उद्योग को हस्तांतरित की जाने वाली पहली मछली फीड तकनीक है।

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डॉ. सी.एन. रविशंकर, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएफई और श्री ध्रुबज्योति बनर्जी (सीईओ - एक्वा फीड) और डॉ. कमलेश पई फोंडेकर (प्रमुख अनुसंधान और विकास) ने संबंधित संगठनों की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

डॉ. एन.पी. साहू, संयुक्त निदेशक, आविष्कारक, सह-आविष्कारक, अध्यक्ष, आईटीएमयू और भाकृअनुप-सीआईएफई और जीएवीएल, मुंबई के अन्य अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

प्रौद्योगिकी के आविष्कारक में, डॉ. मो. अकालकुर (वैज्ञानिक, ओआईसी-मोतीपुर केन्द्र), डॉ. ए.के. पाल (सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएफई) और डॉ. एन.पी. साहू (संयुक्त निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएफई) शामिल है।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान, मुंबई)

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