10-11 जनवरी, 2023, बैरकपुर
भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्देशीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सीआईएफआरआई), बैरकपुर ने 10-11 जनवरी, 2023 के दौरान सटीक कृषि पर भाकृअनुप-नेटवर्क कार्यक्रम की पहली तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) की बैठक आयोजित की। इस कार्यक्रम की निगरानी भाकृअनुप, आईआईटी तथा विश्वविद्यालयों के बारह प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की तकनीकी सलाहकार समिति की एक गठित टीम द्वारा की जाती है।

संचालन समिति के अध्यक्ष, डॉ. सुरेश कुमार चौधरी, उप महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन) 11 जनवरी, 2023 को वर्चुअल रूप से बैठक में शामिल हुए और उन्होंने कार्यक्रम की भविष्य की संभावनाओं और भाकृअनुप की अपेक्षाओं के बारे में बात की। उन्होंने टीम के सदस्यों को क्षेत्र में लागू करने योग्य व्यवहार्य समाधानों के लिए समर्पित होने और बाहर आने के लिए प्रोत्साहित किया।
10 जनवरी को उद्घाटन सत्र के दौरान, प्रो. जे. आदिनारायण, आईआईटी बॉम्बे और सदस्य टीएसी ने इस बात पर जोर दिया कि समस्याओं को हल करने के लिए सही तकनीक के चयन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने बेंचमार्क डेटासेट तैयार करने का भी आग्रह किया और कहा कि यह भविष्य में जनता के लिए भी उपलब्ध होना चाहिए।
डॉ. अनिल राय, एडीजी (आईसीटी), भाकृअनुप, और भाकृअनुप-एनईपीपीए कार्यक्रम के समन्वयक ने कार्यक्रम तैयार करने और इसके वित्त पोषण पैटर्न के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कार्य योजनाओं के साथ-साथ कार्यक्रम के परिणाम की गुणवत्ता में सुधार के लिए इस बैठक से महत्वपूर्ण सलाह अपेक्षित है।
डॉ. रबी एन. साहू, प्रोग्राम लीडर (भाकृअनुप-एनईपीपीए) ने एनईपीपीए कार्यक्रम की संपूर्ण अवधारणाओं, इसके उद्देश्यों तथा भविष्य की संभावनाओं को प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रत्येक उद्देश्य की कार्य योजनाओं और अब तक की प्रगति के बारे में जानकारी दी।
इससे पूर्व, डॉ. बी.के. दास, निदेशक, भाकृअनुप-सिफरी ने स्वागत संबोधन दिया।
यहां, टीएसी सदस्यों ने बहुमूल्य बिंदु सुझाए। उनके सुझाव मुख्य रूप से नए विकास से पहले मौजूदा प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन पर केन्द्रित था, जो मात्रात्मक उत्पादन प्राप्त करने पर जोर, प्रौद्योगिकियों का एकीकरण, कीट और रोगों के संवेदन के लिए ध्वनिक उपकरणों का विकास, मजबूत पूर्वानुमान मॉडल का विकास, अनुसंधान के लिए उपयुक्त साइट चयन आदि इसमें शामिल था। विशेषज्ञों ने यह भी सुझाव दिया कि भाकृअनुप के कार्यक्रम से ठोस आउटपुट विकसित करने के लिए स्टार्टअप्स इससे सीधे जुड़ सकता है।
इस कार्यक्रम में सोलह भाकृअनुप संस्थानों के पीआई ने अपनी परियोजना की प्रगति प्रस्तुत की, जिसके बाद उस पर गहन चर्चा की गई।
प्रत्येक भागीदार संस्थान के अन्य टीम सदस्य वर्चुअल रूप से शामिल होकर इस बैठक में अपना सक्रिय योगदान दिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्देशीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर)







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