22 दिसंबर, 2022, सत्यमंगलम
भाकृअनुप-गन्ना प्रजनन संस्थान (एसबीआई), कोयम्बटूर ने सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व (एसटीआर) के सहयोग से 'आदिवासी पोषण जागरूकता अभियान' का आयोजन किया और इसके अन्तर्गत आज इरोड के सत्यमंगलम में अपनी एसटीसी (अनुसूचित जनजाति घटक) परियोजना शुरू की।


अभियान का उद्घाटन करते हुए, श्री आर. किरुबाशंकर आईएफएस, उप निदेशक, सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व और जिला वन अधिकारी, सत्यमंगलम ने एसटीआर के आदिवासियों के बीच 'कुपोषण' को एक गंभीर मुद्दे के रूप में पहचान करने और इसके आधार पर जागरूकता अभियानों की एक श्रृंखला आयोजित करने में भाकृअनुप-एसबीआई के प्रयासों की सराहना की। इस समस्या का समाधान करने के लिए उन्होंने गोद ली हुई बस्तियों के आदिवासियों से संस्थान की विशेषज्ञता का पूरा उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आदिवासियों को रेडियो सेट के साथ-साथ 'दैनिक कार्यक्रम की कार्यसूची' प्रदान किया जाना, संस्थान की एक पहल तथा यह एक प्रशंसनीय कदम भी है।


भाकृअनुप-गन्ना प्रजनन संस्थान की निदेशक, डॉ. जी. हेमाप्रभा ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि आदिवासियों को इस तथ्य से रूबरू होना चाहिए कि केवल शिक्षा ही उनके आर्थिक विकास और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगी। आदिवासी बच्चों के लिए उपलब्ध करियर के अवसरों की सूची तैयार करते हुए उन्होंने उल्लेख किया कि स्कूल जाने वाले बच्चों, विशेष रूप से लड़कियों को कुपोषित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाजरा को फिर से आदिवासी आहार में एक नियमित स्थान मिलना चाहिए क्योंकि उनमें उच्च फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट सामग्री होती है।
डॉ. डी. पुथिरा प्रताप, प्रधान वैज्ञानिक और नोडल अधिकारी, एसटीसी परियोजना ने अपनी परिचयात्मक टिप्पणी में उल्लेख किया कि लगभग 450 आदिवासी तालमलाई क्षेत्र के रामरानई, बेजलत्ती, थदासलत्ती, इत्तराई, मावनाथम और गलिथिंबम के अलावा सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व के कदंबूर क्षेत्र के बाथरीपडुगई की बस्तियों में निवास करते हैं जिसे इस परियोजना से काफी लाभ होगा। इन गांवों में, बथरीपडुगई बस्ती के सभी घरों में मानव-पशु संघर्ष से बचने के लिए प्रायोगिक उपाय के रूप में मधुमक्खी के छत्ते के बक्से की आपूर्ति की जा रही है, क्योंकि श्रीलंका में एक अध्ययन से पता चला है कि भारतीय मधुमक्खियां हाथियों को डराती हैं। इसके अलावा उसने कहा कि इन आदिवासी बस्तियों में जागरूकता अभियान चलाने के अलावा, भाकृअनुप-एसबीआई इन आदिवासियों को कृषि उपकरण, घरेलू सामान जैसे - रेडियो सेट, पोषण उद्यान स्थापित करने और इसे बनाए रखने के लिए बीज किट, सुपारी के पौधे, तरल गुड़ और बाजरा के बीज वितरित करेगा।
इस आयोजन के दौरान आदिवासी प्रमुखों के अलावा तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय और भाकृअनुप-गन्ना प्रजनन संस्थान के वैज्ञानिकों और तमिलनाडु वन विभाग के अधिकारियों ने भी बातचीत की।
(स्रोत: भाकृअनुप-गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयम्बटूर)







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