"उद्यमिता और कृषि लाभप्रदता में सुधार के लिए चारा और पशुधन क्षेत्र में नवाचार" पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

भाकृअनुप-भारतीय चारागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी तथा रेंज मैनेजमेंट सोसाइटी ऑफ इंडिया(01-03 नवंबर 2022) के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम का आज उद्घाटन किया गया।
मुख्य अतिथि, पदम श्री डॉ. बी.एस. ढिल्लों, पूर्व कुलपति, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना ने संगोष्ठी के महत्व पर प्रकाश डाला और चारा और पशुधन क्षेत्र में उद्यमिता विकास की आवश्यकता पर जोर दिया।
डॉ. पी.एस. पाठक, पूर्व सहायक महानिदेशक (कृषि वानिकी) और विशिष्ट अतिथि ने घास के मैदानों और सामुदायिक चरागाहों के कायाकल्प करने की आवश्यकता के बारे में बात की।
डॉ. अमरेश चंद्र, अध्यक्ष, रेंज मैनेजमेंट सोसाइटी ऑफ इंडिया और निदेशक, भाकृअनुप-आईजीएफआरआई ने समाज की उपलब्धियों और किसानों की आजीविका बढ़ाने में चारा और पशुधन क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डाला।
उद्घाटन सत्र के दौरान विभिन्न श्रेणियों में आरएमएसआई पुरस्कार भी वितरित किए गए।
इस अवसर पर अतिथियों द्वारा स्मारिका सह सार पुस्तक एवं रेंज मैनेजमेंट एवं एग्रोफोरेस्ट्री जर्नल के नवीनतम अंक का विमोचन किया गया।
इस प्रकार, चारा और पशुधन क्षेत्र में नवाचारों और लोकप्रिय तकनीकों को प्रदर्शित करने के लिए तीन दिवसीय प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।
संगोष्ठी के दौरान चारा उत्पादन, संरक्षण, उपयोग और उद्यमिता क्षमता के विभिन्न पहलुओं सहित नौ वैज्ञानिक सत्रों का आयोजन किया गया।
आईसीआरआईएसएटी के सहयोग से एक विशेष किसान-वैज्ञानिक-हितधारक इंटरफेस सत्र भी आयोजित किया गया जिसमें ओडिशा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के किसानों ने भाग लिया।
इस संगोष्ठी में लगभग 100 किसानों सहित 280 से अधिक प्रतिभागियों ने शिरकत की।







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