युवा मस्तिष्क द्वारा नई तकनीकों को तेजी से विकसित और अपनाकर गेम चेंजर के रूप में कार्य करना चाहिए: डॉ हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप)

युवा मस्तिष्क द्वारा नई तकनीकों को तेजी से विकसित और अपनाकर गेम चेंजर के रूप में कार्य करना चाहिए: डॉ हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप)

24 सितम्बर, 2022, हैदराबाद

अंतर्राष्ट्रीय पशुधन अनुसंधान संस्थान (आईएलआरआई) तथा भाकृअनुप द्वारा संयुक्त रूप से भाकृअनुप-निदेशालय दवारा 20-24 सितंबर 2022 तक कुक्कुट अनुसंधान, हैदराबाद में, "खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पोल्ट्री में उत्पादकता बढ़ाने के लिए उन्नत जैव प्रौद्योगिकी दृष्टिकोण" पर पांच दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया

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डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) और महानिदेशक (भाकृअनुप) ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।

डॉ. पाठक ने भाकृअनुप और राज्य पशु चिकित्सा/कृषि विश्वविद्यालयों के युवा संकाय के लिए अत्याधुनिक अनुसंधान क्षेत्रों में उन्नत प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए आयोजकों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैज्ञानिकों को नियमित रूप से अपने कौशल और ज्ञान का उन्नयन करना चाहिए क्योंकि नई प्रौद्योगिकियां विश्व स्तर पर लगातार तेज गति से उभर रही हैं। महानिदेशक ने जानवरों, फसलों और मनुष्यों के कल्याण के लिए सामान्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के भाकृअनुप के साथ हाथ से हाथ मिलाकर काम करने वाले आईएलआरआई और अन्य संस्था जैसे सीजीआईएआर संगठनों की सराहना की। उन्होंने युवा दिमागों से नई तकनीकों को तेजी से विकसित करने और अपना कर गेम चेंजर के रूप में कार्य करने का आग्रह किया।

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विशिष्ट अतिथि, डॉ. वी. रविंदर रेड्डी, कुलपति, पी.वी. नरसिम्हा राव तेलंगाना पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, हैदराबाद एवं  ने सराहना की कि एनएआरएस के युवा संकाय उन्नत प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षण द्वारा अत्यधिक लाभान्वित होंगे।

डॉ. एच. रहमान, क्षेत्रीय प्रतिनिधि, आईएलआरआई दक्षिण एशिया ने उन प्रशिक्षुओं की ईमानदारी की सराहना की उन्होंने सीखने के लिए सीखा तथा प्रशिक्षण संकायों के साथ बातचीत की। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए प्रतिभागियों को बधाई दी।

डॉ. आर.एन. चटर्जी, निदेशक, डीपीआर ने संस्थान द्वारा किए जा रहे विभिन्न अनुसंधान, विस्तार और क्षमता निर्माण गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों से इस प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान को किसानों के लाभ के लिए आगे पहुंचाने का आग्रह किया।

डॉ. टी.के. भट्टाचार्य, पाठ्यक्रम समन्वयक ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की।

13 विभिन्न राज्यों के 10 एसएयू और 5 भाकृअनुप संस्थानों के कुल 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम में हैदराबाद में भाकृअनुप संस्थानों के निदेशक, आईएलआरआई, नई दिल्ली तथा हैदराबाद के अधिकारी और निदेशालय के वैज्ञानिक एवं कर्मचारी शामिल हुए।

(स्रोत: भाकृअनुप-कुक्कुट अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद)

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