18 अगस्त, 2025, मालदा
भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र (केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान), मालदा में "उर्वरक विक्रेताओं के लिए एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन" पर 15 दिवसीय आवासीय प्रमाणपत्र कार्यक्रम का सफलतापूर्वक उद्घाटन किया गया। केवीके, भारतीय उर्वरक संघ - पूर्वी क्षेत्र (एफएआई-ईआर), कोलकाता तथा भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य सतत कृषि को बढ़ावा देने हेतु उर्वरक अनुप्रयोग और मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन में कृषि-इनपुट विक्रेताओं की विशेषज्ञता को बढ़ाना था।
डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कोलकाताल ने फसल उत्पादकता सुनिश्चित करने में पादप पोषक तत्वों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और उन्हें कृषि की जीवनदायिनी बताया। उन्होंने कृषि-इनपुट विक्रेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, किसानों का प्रभावी मार्गदर्शन करने के लिए उन्हें तकनीकी विशेषज्ञता से लैस करने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. डे ने आगे बताया कि सरकारी पहलों के अनुरूप इस प्रशिक्षण का उद्देश्य डीलरों को स्थायी मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन एवं वैज्ञानिक पोषक तत्व अनुप्रयोग के प्रमुख प्रवर्तक के रूप में सशक्त बनाना है, जिसमें, मुख्य रूप से, लचीली और उत्पादक कृषि प्रणालियों को बढ़ावा मिलेगा।

डॉ. टी. दामोदरन, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएसएच ने डीलरों से मिलावटी उर्वरकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का आग्रह किया और उत्पादकता बढ़ाने तथा रसायनों के उपयोग में कमी लाने के लिए सीआईएसएच की फल किस्मों एवं पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों पर प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल राज्य सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (बेनफेड) के 31 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो मालदा जिले का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
यह पहल, पौध पोषक तत्व प्रबंधन के लिए सूचित एवं विज्ञान-आधारित दृष्टिकोणों द्वारा आकार दिए गए भविष्य के लिए मंच तैयार करती है, और प्रतिभागियों को बहुमूल्य ज्ञान एवं कौशल से सशक्त बनाती है।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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