11 सितंबर, 2025, नई दिल्ली
मेडागास्कर के तीस सिविल सेवकों ने राष्ट्रीय सुशासन केन्द्र द्वारा आयोजित व्यापक क्षमता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली का दौरा किया। यह दौरा भारत तथा मेडागास्कर के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने और मेडागास्कर के अधिकारियों को भारत की उत्कृष्ट कृषि अनुसंधान क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए रणनीतिक रूप से आयोजित किया गया था।
डॉ. एम.एल. जाट, सचिव (डेयर) तथा महानिदेशक (भाकृअनुप), और डॉ. चेरुकमल्ली श्रीनिवास राव, निदेशक एवं कुलपति, भाकृअनुप-आईएरआई ने मालागासी प्रतिनिधिमंडल का हार्दिक स्वागत किया।

डॉ. जाट ने भारत और अफ्रीकी देशों के बीच स्थायी और पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से इस सहयोग में मेडागास्कर की अद्वितीय स्थिति पर ज़ोर दिया। उन्होंने दोनों देशों के सामने आने वाली समान चुनौतियों, विशेष रूप से पहाड़ी कृषि प्रणालियों, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन रणनीतियों और सतत आर्थिक विकास के मार्गों को स्वीकार किया। डॉ. जाट ने आगे बताया कि कैसे मेडागास्कर भारत के कृषि नवाचारों तथा भाकृअनुप के अग्रणी अनुसंधान विकासों से व्यापक क्षमता निर्माण की पहल, जिनमें विशेष रूप से शैक्षणिक संकाय और छात्रों के लिए डिज़ाइन किए गए विशिष्ट ज्ञान हस्तांतरण कार्यक्रम शामिल हैं, के माध्यम से पर्याप्त लाभ प्राप्त कर सकता है। ये शैक्षिक आदान-प्रदान अत्याधुनिक कृषि तकनीकों के प्रसार को सुगम बनाएंगे और मेडागास्कर की संस्थागत क्षमताओं को मजबूत करेंगे। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत उपयुक्त मशीनीकरण के विस्तार का केन्द्र बन गया है।
डॉ. राव ने आगंतुकों को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान और भारत के एक खाद्य आयातक देश से एक प्रमुख खाद्यान्न निर्यातक केन्द्र बनने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका का व्यापक अवलोकन कराया। उन्होंने भाकृअनुप नेटवर्क के एक भाग के रूप में भाकृअनुप-आईएआरआई की अग्रणी अनुसंधान पहलों, व्यापक शैक्षिक कार्यक्रमों और विविध कृषि परिदृश्यों के किसानों तक पहुँचने वाली व्यापक विस्तार सेवाओं के माध्यम से वैश्विक खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया।

अपने व्यापक दौरे के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने कई प्रमुख सुविधाओं का दौरा किया, जो आईएआरआई की तकनीकी प्रगति और अनुसंधान क्षमताओं को प्रदर्शित करती हैं। प्रतिनिधियों ने सीपीसीटी की हाइड्रोपोनिक और वर्टिकल फार्मिंग प्रणाली की सराहना की और नानाजी देशमुख राष्ट्रीय पादप फेनॉमिक्स सुविधा में उच्च तकनीक अनुसंधान सुविधा को देखकर आश्चर्यचकित हुए।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली)
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