20 सितंबर, 2025, जोधपुर
डॉ. एम.एल. जाट, सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने आज भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोधपुर का दौरा किया। इस दौरान, उन्होंने केवीके द्वारा आयोजित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया तथा प्रगतिशील एवं नवोन्मेषी किसानों से बातचीत की। उनके योगदान की सराहना करते हुए, उन्होंने जमीनी स्तर के नवोन्मेषों को वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित करने के महत्व पर बल दिया।
भाकृअनुप-अटारी-II के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए, डॉ. जाट ने राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली (एनएआरएस) के माध्यम से कृषक समुदाय की सेवा करने के गौरव को रेखांकित किया। उन्होंने दोहराया कि भाकृअनुप संस्थान, अटारी, राज्य कृषि विश्वविद्यालय (एसएयू), केवीके तथा किसान एक परिवार हैं और इन्हें 2047 तक विकसित कृषि एवं विकसित भारत के विजन को साकार करने हेतु एकजुट होकर काम करना होगा।
29 मई से 12 जून तक आयोजित विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राजस्थान में भाकृअनुप-एसएयू-केवीके नेटवर्क की सराहना करते हुए, डॉ. जाट ने कहा कि इस अभियान ने वैज्ञानिकों और संस्थानों को एक राष्ट्र, एक कृषि - एक टीम के रूप में काम करने का एक मंच प्रदान किया। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से मांग-आधारित अनुसंधान करने और अन्नदाता के चेहरे पर मुस्कान लाने के आदर्श वाक्य को बनाए रखने का आग्रह किया।
सटीक और विश्वसनीय आंकड़ों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. जाट ने डेटा संग्रह तथा गुणवत्ता आश्वासन में मजबूत प्रणालियों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि केवीके से संबंधित सभी मुद्दों का समाधान किया जा रहा है और केवीके को जीवंत जिला-स्तरीय संस्थानों के रूप में मजबूत करने के लिए भाकृअनुप की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
डॉ. ए.के. नायक, उप-महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन), भाकृअनुप ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
इससे पहले, डॉ. जे.पी. मिश्रा, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जोधपुर ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और देश की फसल उत्पादन प्रणालियों में राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली सहित ज़ोन-II के महत्व को रेखांकित किया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-II, जोधपुर)
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