Reports on Capacity Building

Reports on Capacity Building

'सेल कल्चर: तकनीक और अनुप्रयोग' पर व्यावहारिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का आयोजन

30 अक्टूबर - 8 नवंबर, 2023, लखनऊ

भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ ने 30 अक्टूबर से 08 नवंबर, 2023 तक 'सेल कल्चर: तकनीक और अनुप्रयोग' पर एक व्यावहारिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का आयोजन किया।

नैनो टेक्नोलॉजी के अनुप्रयोगों में प्रगति पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

3 नवंबर, 2023, मुंबई

भाकृअनुप-केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सिरकॉट), मुंबई ने 30 अक्टूबर से 3 नवंबर, 2023 तक "नैनोटेक्नोलॉजी के अनुप्रयोगों में प्रगति" पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया तथा 3 नवंबर, 2023 को मुंबई में संपन्न हुआ।

झाड़ग्राम, पश्चिम बंगाल के जनजातीय किसानों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित

7 नवंबर, 2023, कोलकाता

फसल विविधीकरण पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम जिले के अमाईनगर गांव में 2-3 नवंबर, 2023 को दो दिवसीय किसान प्रशिक्षण-सह-क्षमता निर्माण कार्यक्रम भाकृअनुप-राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण और भूमि उपयोग योजना ब्यूरो, क्षेत्रीय केन्द्र, कोलकाता, भारत के पूर्वी क्षेत्र का एक नोडल केन्द्र है, जिसके द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

सतर्कता जागरूकता प्रशिक्षण एवं अभियान गतिविधियों का आयोजन

1- 3 नवंबर, 2023, हैदराबाद

भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी (नार्म), हैदराबाद ने सतर्कता जागरूकता अभियान एवं सतर्कता जागरूकता सप्ताह के एक भाग के रूप में 1- 3 नवंबर, 2023 तक ' भाकृअनुप अधिकारियों के लिए सतर्कता परिप्रेक्ष्य' पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया, जो इस श्रृंखला में दूसरा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य भाकृअनुप संस्थानों के पदाधिकारियों के बीच सतर्कता के दृष्टिकोण को संवेदनशील बनाना तथा इसे आगे बढ़ाना है।

कुशल प्रशासनिक एवं वित्तीय प्रबंधन हेतु केवीके को सशक्त बनाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन

1 नवंबर, 2023, उमियाम

भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग एवं अनुसंधान संस्थान (अटारी), जोन VII, उमियाम, मेघालय ने उमियाम, मेघालय में केवीके और एटीएआरआई के कनिष्ठ स्तर के अधिकारियों के लिए "कुशल प्रशासनिक और वित्तीय प्रबंधन" पर एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम 1- 3 नवंबर, 2023 तक आयोजित करने की पहल की गई। उद्घाटन समारोह 1 नवंबर, 2023 को था।

पीपीवीएफआर अधिनियम, 2001 पर आधारित जागरूकता-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

26 अक्टूबर, 2023, नमक्कल

किसानों, छात्रों और अन्य हितधारकों के लाभ के लिए आज भाकृअनुप-केन्द्रीय कंद फसल अनुसंधान संस्थान (सीटीसीआरआई), तिरुवनंतपुरम द्वारा भाकृअनुप-केवीके नामक्कल, तमिलनाडु में पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2001 पर जागरूकता-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।  यह कार्यक्रम पीपीवीएफआर प्राधिकरण, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित किया गया था।

टीएसपी योजना के तहत आदिवासी किसानों का कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित

16- 20 अक्टूबर, 2023, हैदराबाद

भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्कभूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद ने 16 से 20 अक्टूबर, 2023 तक 'शुष्कभूमि में सतत आजीविका के लिए पशुधन उत्पादन प्रबंधन' पर टीएसपी के तहत आदिलाबाद जिले के किसानों के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।

अगली पीढ़ी के अनुक्रमण और डेटा विश्लेषण के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण हुआ संपन्न

20 अक्टूबर, 2023, हैदराबाद

भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी (नार्म), हैदराबाद ने 16 से 20 अक्टूबर, 2023 तक "अगली पीढ़ी अनुक्रमण और डेटा विश्लेषण" (एनजीएस) पर एक ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।

जयपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के कृषि छात्रों के लिए आरएडब्ल्यूई कार्यक्रम आयोजित

30 जून- 20 अक्टूबर, 2023, अल्मोड़ा

भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (वीपीकेएस), अल्मोड़ा ने 30 जून से 20 अक्टूबर, 2023 तक जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान के छात्रों के लिए ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव (आरएडब्ल्यूई) कार्यक्रम पूरा किया, जिसमें बी.एससी. (कृषि) के सातवें सेमेस्टर के छात्र को कृषि शिक्षा और व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया गया।

नाबार्ड ने एक्सपोज़र विजिट तथा प्रशिक्षण आयोजित करके प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए क्षमता निर्माण (सीएटी) का किया समर्थन

16-20 अक्टूबर, 2023, वाशिम

कृषि विज्ञान केन्द्र, वाशिम ने जलवायु भेद्यता के प्रभाव के कारण को जानने के लिए 16 से 20 अक्टूबर, 2023 तक वाशिम जिले के बकरी किसानों के लिए एक एक्सपोज़र विजिट और प्रशिक्षण का आयोजन किया। यह राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, समर्थित कैट योजना के तहत नवीन परियोजनाओं तथा वाणिज्यिक बकरी पालन के बारे में उन्हें प्रोत्साहित करने एवं सूचित करने के लिए किया गया था।

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