Reports on Capacity Building

Reports on Capacity Building

फार्म मशीनरी कस्टम हायरिंग सेंटर पर विचारमंथन कार्यशाला

17 अक्टूबर 2016, हैदराबाद

Brainstorming Workshop on Farm Machinery Custom Hiring Centre’s Organized

भाकृअनुप – केन्द्रीय शुष्कभूमि अनुसंधान संस्थान (क्रीडा), हैदराबाद द्वारा एनआईसीआरए (निक्रा) के तहत “फार्म मशीनरी कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) के लिए नीति तैयार करना” विषय पर एक दिवसीय विचार मंथन कार्यशाला का आयोजन किया गया।

"अल्प प्रयुक्त सब्जी फसलों के आनुवांशिक संवर्धन के क्षेत्र में प्रगति" पर लघु पाठ्यक्रम का उद्घाटन

18 अक्टूबर, 2016, वाराणसी

"अल्प प्रयुक्त सब्जी फसलों के आनुवांशिक संवर्धन के क्षेत्र में प्रगति" पर शिक्षा संभाग, भाकृअनुप द्वारा प्रायोजित पाठ्यक्रम भाकृअनुप – राष्ट्रीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी में आयोजित किया गया।

शूट गाल सायला के प्रभावी प्रबंधन से आम के बाग से दोगुनी आगदनी

विभिन्न कीटों में शूट गाल सायला, एप्सायला सेस्टेलाटा बक्टोन (सायलिडि: होमोप्टेरा) आम का एक हानिकारक नाशीकीट है जो पत्ते के डंठल पर गांठ बनाता है जिससे पुष्पक्रम रुक जाता है और ज्यादातर प्रभावित तने सूख भी जाते हैं। एक अनुमान के अनुसार उत्तराखंड के देहरादून जिले में 4,000 हैक्टर से ज्यादा आम के बाग शूट गाल सायला से प्रभावित है। पिछले एक दशक से देहरादून में इस रोग का प्रकोप बढ़ा है। इससे पहले मोनोक्रोटोफॉस, डिमेथोएट और क्विलैनफॉस कीटनाशक शूट गाल सायला को नियंत्रित करने के लिए अनुशंसित किए जाते थे लेकिन ये कीटनाशक पिछले 6-7 सालों से प्रभावकारी नहीं रहे हैं। संभवतः इसका कारण कीटनाशकों के लगातार

जनजातीय किसानों के लिए शूकर पालन परियोजना

27 सितंबर, 2016, येवांग, अरूणाचल प्रदेश

Pig rearing programme for Tribal Farmers

भाकृनुप – राष्ट्रीय याक अनुसंधान केन्द्र, पश्चिमी केमांग और भाकृअनुप – भारतीय डेरी अनुसंधान संस्थान, कल्याणी द्वारा संयुक्त रूप से जनजातीय किसानों को शूकर पालन पर एक दिवसीय कार्यक्रम येवांग गांव, पश्चिम केमांग में 17 सितंबर को आयोजित किया गया।

वन जलभराव प्रबंधन पर व्यावहारिक अभियांत्रिकी प्रशिक्षण

भाकृअनुप – भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान (आईआईएसडब्लूसी), क्षेत्रीय केन्द्र, उद्गमंडलम द्वारा सहायक वन संरक्षकों के लिए “वन जलभराव प्रबंधन पर फील्ड अभियांत्रिकी प्रशिक्षण” विषय पर 13 दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम आईआईएसडब्ल्यूसी में आयोजित किया गया।

सोलीगास जनजातियों के लिए खेत दिवस व कौशल विकास कार्यक्रम

2 जून, 2016, पोन्नाचि, कर्नाटक

खेत दिवस व क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन पोन्नाचि गांव, माले महादेश्वरा पहाड़ी (लोकप्रिय नाम एमएम हिल्स), जिला- चामाराजनगर, कर्नाटक में किया गया। इसका उद्देश्य मृदा परीक्षण के आधार पर ऊर्वरकों के प्रयोग से है जिससे जनजातीय किसानों के बीच फसल उत्पादकता को बढ़ाया जा सके। यह कार्यक्रम भाकृअनुप – एआईसीआरपी, एसटीसीआर, एलटीएफई, मृदा संधिपाद (आर्थोपॉड) कीटनाशी एवं संभावित फसलें, यूएसए बेंगलूरू द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।

समन्वित खेती प्रणाली में एआईसीआरपी के आईएफएस मॉडल में कार्बन पृथकीकरण और जीएचजी मापन पर प्रशिक्षण

भाकृअनुप - भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान (आईआईएफएसआर), मोदीपुरम और भाकृअनुप - भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), नई दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से ‘समन्वित खेती प्रणाली में एआईसीआरपी के आईएफएस मॉडल में कार्बन पृथकीकरण और ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन मापन’ विषय पर दो दिवसीय (2-4 अगस्त, 2016) प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

'मृदा एवं जल संरक्षण' पर प्रशिक्षण

भाकृअनुप - भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान (आईआईडब्ल्यू), देहरादून द्वारा 'मृदा व जल संरक्षण एवं जलभरण प्रबंधन' विषय पर ओडिशा के आठ जिलों से आए 17 कृषि अधिकारियों के लिए 5 दिवसीय (अगस्त 2-6, 2016) प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

×